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अपराधदिल्ली एन सी आर

CAB के विरोध में प्रदर्शन कर रहे, जामिया के छात्रों पर लाठी चार्ज,12 पुलिस कर्मी घायल

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) और एनआरसी के विरोध में शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में स्थानीयल लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने पर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाई तो जवाब में प्रदर्शनकारियों ने भी पथराव किया। कई छात्र और पुलिसकर्मी इस प्रदर्शन में घायल हुए हैं।*

शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे जामिया नगर मेट्रो स्टेशन के पास से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस ने एमए खान पटौदी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के पास बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया। जबकि प्रदर्शनकारी रुकने के लिए तैयार नहीं थे। इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई।

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*छात्र और पुलिस झड़प में 12 पुलिसकर्मी घायल, दो आईसीयू में*

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 12 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें से दो को गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं, पुलिस द्वारा 42 प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया गया था जिन्हें प्रदर्शन खत्म होने के बाद छोड़ दिया गया। दरअसल, पुलिस द्वारा रोकने पर छात्र उग्र हो गए और उन्होंने बैरीकेडिंग तोड़कर निकलने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने लाठी चलाई। इससे नाराज होकर छात्रों ने पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की जिससे पुलिसकर्मी घायल हो गए।

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पुलिस अधिकारियों ने काफी देर तक प्रदर्शनकारियों से वापस लौटने की अपील की लेकिन प्रदर्शनकारी जब बैरीकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने लाठी चला दी। पुलिस ने छात्रों को पीटना शुरू किया तो वहां भगदड़ मच गई। इसमें कई छात्रों को चोटें भी आई हैं। इससे भड़के छात्रों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इससे एक बार तो पुलिसकर्मियों को भी भागना पड़ा। कई पुलिसकर्मी भी घायल इस पथराव में घायल हुए हैं। पथराव की सूचना के बाद पुलिसकर्मियों की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और फिर पुलिस के जवानों ने प्रदर्नकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

*आंसू गैस के गोले भी छोड़े*

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प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेडिंग के साथ-साथ डिवाइडर के बीच में लगी रेलिंग और पेड़-पौधे भी तोड़ दिए। हालांकि लाठीचार्ज के बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इससे आक्रोशित प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाकर भागने लगे।

*प्रदर्शन में शिक्षक भी शामिल हुए*

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विरोध प्रदर्शन व मार्च में विश्वविद्यालय के शिक्षक भी शामिल हुए। करीब एक बजे से ही शिक्षक गेट नंबर-7 के पास एकत्रित होना शुरू हो गए थे। प्रदर्शन का आयोजन जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) और बिल का विरोध कर रहे छात्रों द्वारा किया गया था। छात्रों और अध्यापकों ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। जेटीए के पदाधिकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि देश की अर्थव्यवस्था बहुत बड़े संकट के दौर से गुजर रही है। इसलिए सरकार इस बिल को लाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।

*दोनों मेट्रो स्टेशनों को खोला गया*

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन की वजह से बंद किए गए पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन फिर से खोल दिया गया है। इसकी जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने ट्विटर पर दी है। डीएमआरसी के अनुसार, अब सभी मेट्रो स्टेशनों पर परिचालन फिर सुचारू रूप से चल रहा है।

इससे पहले दिल्ली पुलिस की सलाह पर डीएमआरसी ने पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशन को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया था। इन दोनो स्टेशनों पर मेट्रो नहीं रुक रही थी। यहां पर एंट्री और एक्जिट दोनों बंद कर दिए गए थे।

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*हजारों यात्री परेशान*

दोनों मेट्रो स्टेशन बंद होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जो यात्री इन स्टेशनों पर उतरना चाह रहे हैं उन्हें इससे पहले या फिर इसके अगले मेट्रो स्टेशन पर उतरना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि सुबह और शाम को मेट्रो में यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती है। इसकी वजह ऑफिस आने-जाने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है।

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9 दिसंबर को भी बंद थे तीन मेट्रो स्टेशन

इससे पहले 9 दिसंबर को भी डीएमआरसी ने जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए तीन मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए थे। उद्योग विहार, लोक कल्याण मार्ग और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया था। जेएनयू के छात्र फीस बढ़ोत्तरी को लेकर राष्ट्रपति से मिलना चाह रहे थे। इसको लेकर छात्र पदयात्रा निकाले थे। इसकी वजह से दिल्ली पुलिस की सलाह पर इन तीनों मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री और एक्जिट को बंद कर दिया गया था।

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Balram Gangwani

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