दिल्ली ।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति एवं पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ एक लंबे समय तक पाकिस्तान की शियासत का एक बड़ा चेहरा रहे हैं
और भारत पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा तल्ख रहे है ये भी सच है कि जब जब भारत ने पाकिस्तान की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया तब तब पाकिस्तान ने भारत के साथ गद्दारी की ।
परवेज मुशर्रफ की नीति और कदम भी दूरी को बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं, चाहे वह कारगिल का युद्ध रहा हो या अगरA सम्मिट की बात,परवेज के फैसले हमेशा विवाद की वजह बन रहे, उन हमेशा आरोप लगते रहे कि सत्ता के नशे में पद पर रहते हुए भी ऐसे प्रावधान किए, जिन्हें सीधे सीधे राजद्रोह से जोड़ा जा सकता है, एक लंबे समय से उनपर एक कानूनी शिकंजा कसा हुआ है उन्हें भगौड़ा भी घोषित किया जा चुका है
और अब पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई है ।
पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया,ऐसा पहली बार हुआ है जब सेना प्रमुख के पद पर रहे किसी सख्स को राजद्रोह के मामले में अदालत की ओर से सजाए मौत सुनाई गई ,
हालांकि परवेज मुशर्रफ सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकते हैं । अगर सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को बरकरार रखती है,तो उनके फाँसी की सजा बरकरार रहेगी ।