मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो जाने और कितनी बीमारियों को जन्म देती है। कई लोग अधिक वजन के चलते जिंदगी से ही तंग आ जाते हैं। ऐसा ही हाल 4 साल पहले अमिता राजानी का था। चार साल पहले तक उनका वजन 300 किलोग्राम था। अब उनकी वजन घट कर 86 किलोग्राम हो चुका है।
हमेशा से ओबेसिटी का शिकार रही अमिता महज 16 साल की उम्र में 126 किलो की हो चुकी थीं।
42 की उम्र में हो चुका था 300 वजन अमिता राजानी तेजी से बढ़ रहे वजन और उनके इस हाल का कारण कोई पता नहीं लगा पा रहा था। इंग्लैंड और भारत के प्रमुख इंडोक्रोनोलॉजिस्ट ने भी इसके आगे हार मान ली थी। ऐसे में उनका वजन बढ़ता गया और वे 42 की उम्र तक पूरे 300 किलो की हो गईं। जिंदगी से परेशान अमिता को हर काम करने में परेशानी होने लगी।
लीलावती अस्पताल से मिली मदद अमिता राजानी जब हर ओर से हार मान चुकी थीं आखिरकार उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल से मदद मिली। यहां के डॉक्टर शशांक शाह ने सर्जरी से उनकी मदद की और उनको परेशानी से बाहर निकाला। डॉक्टर शशांक ने बताया कि अमिता को अमिता को सुपर मॉर्बिड ओबेसिटी की समस्या के साथ ही कई अन्य बीमारियां भी हो चुकी थीं। वह कालेस्ट्रॉल, टाइप-2 डायबीटीज, सांस लेने में समस्या, किडनी की बीमारी और तनाव जैसी समस्याओं को भी झेल रही थीं।
10 साल तक घर में कैद रहीं अमिता अमिता की हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि वे 10 सालों तक घर से बाहर भी नहीं निकल सकीं थीं। चार साल पहले उन्हें जांच के लिए एक खास सोफे पर बैठाकर विशेष एंबुलेंस से मुंबई के अस्पताल लाया गया था। उस समय अमिता को ऑपरेशन थिएटर तक ले जाने में 20 लोगों की जरूरत पड़ी थी।
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