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फाइलेरिया नाइट ब्‍लड सर्वे तैयारियां पूरीं-  टीम तथा फ्रण्‍टलाइन वर्कर्स ने गांवों में जाकर किया जागरुक

*फाइलेरिया उन्मूलन अभियान*-

फाइलेरिया नाइट ब्‍लड सर्वे आज से, तैयारियां पूरीं

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–    टीम तथा फ्रण्‍टलाइन वर्कर्स ने गांवों में जाकर किया जागरुक
–    रात्रि में 8 से 12 बजे तक बनाई जाएंगी ब्‍लड की स्‍लाइड

संतकबीरनगर ।
फाइलेरिया उन्‍मूलन के लिए दी गई दवाओं का कितना असर हो रहा है, यह जानने के लिए नाइट ब्‍लड सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं । जिले की 4 रैण्‍डम व 4 सेण्‍टीनल साइट्स पर मंगलवार को सर्वे के लिए बनाई गई टीम ने गांवों में जाकर लोगों को सर्वे के लिए जागरुक किया गया। यह सर्वे आगामी 25 जनवरी तक चलेगा, जिसमें रोज रात्रि 8 बजे से लेकर 12 बजे तक लोगों के खून के नमूने लिए जाएंगे।

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मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डॉ हरगोविन्‍द सिंह के निर्देशन में राष्‍ट्रीय फाइलेरिया उन्‍मूलन कार्यक्रम में दी जा रही दवाओं के असर को जानने के लिए नाइट ब्‍लड सर्वे किया जा रहा है। इस दौरान चयनित साइट्स पर प्रशिक्षित लैब टेक्‍नीशियन की टीम जाएगी और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से लोगों के रक्‍त के नमूने लेगी। हर साइट से आगामी 25 जनवरी तक 500 लोगों के रक्‍त के नमूने लेकर जांच की जाएगी कि दवा दिए जाने के बाद कितने लोगों के रक्‍त में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं। इसकी तैयारियों को अन्तिम रुप देने के लिए जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी व इपीडेमियोलाजिस्‍ट ( महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली की टीम ने विभिन्‍न गांवों में जाकर फ्रण्‍टल वर्कर्स के साथ ग्रामीणों के नाइट ब्‍लड सर्वे के लिए जागरुक किया। सीएमओ ने कहा कि जिन लोगो को भी यह दायित्‍व दिया गया है वे पूरी इमानदारी के साथ इस अभियान को सम्‍पादित करें।

*रात में क्‍यों लेते हैं सैम्‍पल*
सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी बताते हैं कि फाइलेरिया के कृमि दिन में सुषुप्‍तावस्‍था में रहते हैं तथा रात में ही सक्रिय होते हैं। इस बात को ध्‍यान में रखते हुए रात्रि में ही लोगों के रक्‍त की स्‍लाइड बनाई जाती है। जिसके चलते जांच की शुद्धता शत प्रतिशत रहे।

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*लाइलाज और घातक है फाइलेरिया*
एपीडेमियोलाजिस्‍ट मुबारक अली बताते हैं कि फाइलेरिया के कृमि जिस व्‍यक्ति के शरीर में होते हैं वे सुप्‍तावस्‍था में 10 साल तक पड़े रहते हैं। जब ये सक्रिय होते हैं तो हाथीपांव, स्‍वैलिंग जैसे रोगों को जन्‍म देते हैं। यह कभी भी ठीक नहीं होता है। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दी जाने वाली दवा अगर कोई भी व्‍यक्ति 5 साल तक खा लेता है तो उसके अन्‍दर से ये कृमि समाप्‍त हो जाते हैं।

*26 प्रतिशत लोगों में मिले थे फाइलेरिया कृमि*
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह बताते हैं कि पिछली बार किए गए नाइट ब्‍लड सर्वे के दौरान 26 प्रतिशत लोगों के बीच फाइलेरिया के कृमि पाए गए थे। जब तक यह प्रतिशतता 10 से नीचे नहीं आती है तब तक फाइलेरिया उन्‍मूलन अभियान निरन्‍तर चलता रहेगा।

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*इन स्‍पाट का किया गया है सर्वे के लिए चयन*
जिले के 8 साइट्स का सर्वे के लिए चयन किया गया है। इनमें हैसर का बड़गो गांव, नाथनगर का काली जगदीशपुर गांव, मेंहदावल का बढ़या ठाठर, सेमरियांवा का मदारपुर, सांथा का लोहरसन गांव, खलीलाबाद का कांशीराम आवासीय योजना अरबन, मगहर अरबन सेण्‍टर के मुहल्‍ले शामिल हैं । इनमें से 4 गांवो बड़गो, कालीजगदीशपुर, कांशीराम तथा बढ़या ठाठर 2017 से ही नियत हैं। जबकि बाकी चार गांवों को रैण्‍डम चयनित किया गया है।

*कुल 4000 स्‍लाइड बनाई जाएंगी*
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि हर साइट से 500 लोगों के रक्‍त के नमूने लिए जाएगे। इस प्रकार जिले के 8 साइटों से कुल 4000 लोगों के रक्‍त की स्‍लाइड बनाई जाएगी। जिन साइटों पर लोगों की संख्‍या 500 से कम होगी। उन साइटों पर अगल बगल की आबादी से लोगों को लेकर रक्‍त के नमूने लिए जाएंगे।

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*फोटो परिचय* – मेंहदावल ब्लाक के बढया ठाठर गांव में लोगों को नाइट ब्‍लड सर्वे के लिए जागरुक करते जिला मलेरिया अधिकारी व उनकी टीम

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