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कमलनाथ सरकार का कब होगा फ्लोर टेस्ट,सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई जारी है। स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना स्पीकर का विशेषाधिकार है। सिंघवी ने कहा कि बीजेपी सिर्फ फ्लोर टेस्ट की रट लगाए जा रही है। आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के LIVE अपडेट्स

सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सिंघवी से पूछा कि क्या स्पीकर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो सकते हैं?

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स्पीकर के वकील सिंघवी- विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि नई सरकार में 16 लोग फायदा ले लेंगे।

सिंघवी ने जवाब दिया कि आप दो हफ्तों का वक्त दे दीजिए। नोटिस विधायकों को जारी हो चुका है। अगर वक्त मिला तो निश्चिंतता के साथ फ्लोर टेस्ट हो जाएगा।

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मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विधायक अगर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करेंगे तो क्या स्पीकर इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे?

सिंघवी ने कहा कि यह संभव नहीं है।

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इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों के अधिकारों में संतुलन जरूरी है।

सिंघवी ने कहा कि 16 विधायकों के बाहर रहने से राज्य सरकार गिर जाएगी।

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बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि विधायकों को पर्यवेक्षक की नियुक्ति करने से कोई आपत्ति नहीं है।

सिंघवी बोले, विधायक अगर बंधक नहीं हैं तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु में उनसे मिलने क्यों नहीं दिया गया?

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जस्टिस चंद्रचूड़ – इस्तीफे या अयोग्यता का फ्लोर टेस्ट से क्या संबंध? उसे क्यों रोका जाए

सिंघवी- इसलिए कि इससे तय होगा कि नई सरकार में अपनी पार्टी से विश्वासघात करने वाले MLA को क्या मिल सकेगा।

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सिंघवी- अगर मैंने इस्तीफा अस्वीकार किया तो विधायक विप से बंध जाएंगे।

मनिंदर सिंह- विप होगा तब भी हम वोट के लिए नहीं आएंगे।

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सिंघवी- कितनी बार एक ही बात दोहराई जाएगी।

जस्टिस चंद्रचूड़- अगर आपने इस्तीफा नामंजूर किया। फिर MLA विप से बंध जाएंगे। अगर उन्होंने पालन नहीं किया तो आप फिर भी उन्हें अयोग्य करार दे सकते हैं।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि जोड़तोड़ को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए, जल्द फ्लोर टेस्ट हो।

सिंघवी इस्तीफा स्वीकार करने के नियम और प्रक्रिया पढ़ रहे हैं। यह हिंदी में है। सिंघवी ने जानना चाहा कि जजों को हिंदी में पढ़े जाने से कोई दिक्कत तो नहीं है!

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जस्टिस चंद्रचूड़ – नहीं, नहीं बिल्कुल भी नहीं, यह खूबसूरत भाषा है।

सिंघवी- कर्नाटक मामले में कोर्ट ने स्पीकर के इस्तीफों पर फैसला लेने की कोई समयसीमा भी तय नहीं की थी

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जस्टिस चंद्रचूड़- लेकिन इसके चलते फ्लोर टेस्ट को देर से करवाने की कोई इजाजत कोर्ट ने नहीं दी थी। हमने यह भी कहा था कि विधायक सदन की कार्रवाई में जाने या न जाने का फैसला खुद ले सकते हैं।

सिंघवी- कर्नाटक में एक अविश्वास प्रस्ताव था। यहां भी यह लोग लेकर आएं। स्पीकर प्रक्रिया के मुताबिक उसको देखेंगे।

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