- दिल्ली के मुखर्जी नगर का मामला है
- आईपीसी की धारा 188 में मामला दर्ज किया गया
दिल्ली।
दिल्ली पुलिस ने ऐसे 9 मकान मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों से रेंट मांगे हैं। सभी एफआईआर पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर में दर्ज की गई हैं। मुखर्जी नगर में ज्यादातर धारदार पीजी में रहते हैं। ऐसे लोगों का आरोप है कि मकान मालिकों ने लॉकडाउन में दूरी देने के लिए उन पर दबाव बनाया है। जबकि उनके पास रेंट देने के लिए अभी पैसे नहीं हैं।
ऐसे लोगों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 9 मकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आईपीसी की धारा 188 के तहत ये मामला दर्ज किया गया हैं। यह धारा सरकारी काम में बाधा डालने के खिलाफ लगाई जाती है, जिसमें एक महीने तक की जेल और सिरदर्द शामिल है।
इसके अलावा कोटला मुबारकपुर में एक किराएदार ने अपने मकान मालिक के खिलाफ बिजली काटने की शिकायत की है। हालांकि बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई और andardar ने शिकायत वापस ली। कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई मकान मालिक श्रमिकों या छात्रों के धार के लिए दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत कार्रवाई होगी। इस आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर पर है। एसएसपी, एसपी या डिप्टी पुलिस कमिश्नर भी इस कानून के तहत एक्शन ले सकते हैं।
रेंट की शिकायत करते हुए कई श्रमिक दिल्ली छोड़ चुके हैं। कइयों ने पैसे की तंगी के कारण दिल्ली से पैदल अपने गांव की यात्रा की है। इस समस्या ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। सरकार ने मकान मालिकों से कहा कि आपदा की इस घड़ी में लोगों पर धार के लिए दबाव न बनाया जाए लेकिन ऐसी शिकायतें बहुत आ रही हैं। सरकार के आदेश को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सख्ती बरती है और ऐसे मकान मालिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है जो कानून का उल्लंघन करते हुए शेयरधारकों पर रेंट के लिए दबाव बना रहे हैं।