रिपोर्ट-अरशद अली
धनघटा-सन्त कबीर नगर।
वह मां जो अपने बेटे के लिए सबकुछ न्यौछावर कर देती है।
सारी तकलीफों को जीवन भर अपनी औलादों के लिए सहन करती है। खुद भूखे रहकर अपनी औलाद को भर पेट भोजन कराती है ,इस उम्मीद से कि बेटा बड़ा होकर उसका बुढ़ापे का सहारा बनेगा।
लेकिन जब मां की इस उम्मीद पर बेटा बड़ा होकर नाफरमानी करते हुए उसके जान का दुश्मन बन जाता है,तो उस मां पर क्या गुजरती होगी जिसने उसी औलाद को नौ महीने अपने बेट में रख सारी तकलीफों को बर्दाश्त किया।
धनघटा तहसील क्षेत्र के सोनहन गांव निवासिनी वृद्ध मां ताराबुन्निशा पत्नी खलीलुल्लाह के साथ पेश आया।
उसका सगा बेटा अदालत पुत्र खलीलुल्लाह ही उसकी जान का दुश्मन बना हुआ है।
पीड़िता ने थानाध्यक्ष धनघटा को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति का देहांत हो गया है। बेटा बार बार उसे मारता पीटता था। जिसके कारण वह अलग रहने लगी।
मां ने यह आरोप लगाया है कि उसके हिस्से के ईंट को अदालत व उसकी पत्नी आसमां सीनाजोरी करके जबरिया उठा ले गये।
विरोध करने पर इन लोगों ने मारपीट कर घायल कर दिया।
बूढ़ी मां ने तहरीर में अपने जान माल का खतरा अपने सगे बेटे से होना बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है।