महिंद्रा एंड महिंद्रा आज देश की सबसे ताकतवर कंपनियों में से एक है। महिंद्रा आज डीजल, पेट्रोल से लेकर इलेक्ट्रिक कारें तक बना रही है। कंपनी के बनाए ट्रैक्टर देश के किसानों का दशकों से विश्वास जीत रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जब यह कंपनी बनी थी तब इसका नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा नहीं बल्कि, महिंद्रा एंड मोहम्मद था? भारत की आजादी से पहले बनी यह कंपनी देश की आजादी के बाद दुनियाभर में अपना झंडा फहरा चुकी है। आज हम आपको महिंद्रा से जुड़ी 10 ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको हैरान कर देंगी।
2 अक्टूबर 1945 को बनी कंपनी
1954 में जीप से शुरू हुई कहानी
महिंद्रा ब्रांड का उदय
भारत में ट्रैक्टर बनाने के लिए साल 1963 में इंटरनेशनल ट्रैक्टर कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (आईटीसीआई) के साथ एक संयुक्त उद्यम के रूप में महिंद्रा, इंटरनेशनल हार्वेस्टर इंक (अब यह न्यू हॉलैंड का हिस्सा है) और वोल्टास लिमिटेड शामिल हुए। साल 1977 में, आईटीसीआई का महिंद्रा में विलय हो गया और यह कंपनी का ट्रैक्टर डिविजन बन गया। इसके बाद कंपनी ने डीजल इंजन और ट्रांसमिशन को बनाने के लिए 1979 में Peugeot के साथ तकनीकी साझेदारी की। वहीं, ट्रांसमिशन एसेंबली को बनाने के लिए महिंद्रा ने 1982 में किया मोटर्स (KIA Motors) के साथ साझेदारी की। साल 1982 में, अंतरराष्ट्रीय हार्वेस्टर ब्रांड (International Harvester brand) बंद हो गया और यहां से उदय हुआ Mahindra ब्रांड का।