- ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना ( PM Shram Yogi Maan Dhan Pension Scheme )
- असंगठित सेक्टर के श्रमिकों के लिए मोदी सरकार ने शुरू की योजना
नई दिल्ली: मोदी सरकार ( MODI GOVT ) ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ( Unorganised Sector Labour ) जैसे घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, धोबी और खेतिहर मजूदर जैसे लोगों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना ( PM Shram Yogi Maan Dhan Pension Scheme ) शुरू की है। दरअसल इन लोगों के पास बचत जैसी कोई चीज नहीं होती और बाकी दुनिया की तरह इन लोगों को भी हक है कि इनका बुढापा चैन से बीते इसीलिए कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना ( PMSYM SCHEME ) की शुरूआत की गई है ।
यानि इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन ( PM Shram Yogi Mandhan Pension Yojana Registration ) कराने के बाद आपको अपने बुढ़ापे के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं होगी और न ही उस उम्र में काम करने की जरूरत होगी । दरअसल इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार 60 साल की उम्र के बाद इस क्षेत्र में काम करने वालों को सालाना 36 हजार रुपए की पेंशन देती है। खास बात ये है कि इस योजना में पति-पत्नी दोनों भागीदार हो सकते हैं, और उस सूरत में आपको 72 हजार रूपए सालाना पेंशन का लाभ मिल सकता है।
इस योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद इस योजना के लाभ प्राप्तकर्ताओं को हर महीने 3000 रूपए की पेंशन मिलेगी। हमारे देश में फिलहाल 42 हजार करोड़ श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इस योजना के तह अभी तक कुछ 64 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
किन लोगों को मिल सकता है इस योजना का लाभ-
जैसा की हम आपको बता चुके हैं कि इस स्कीम का फायदा उन लोगों को होगा जो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इन लोगों में भी कुछ शर्तें पूरी होने पर ही इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकेगा। जैसे-
18 से 40 साल की उम्र के लोगों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना का लाभ उठा सकते हैं।
अगर आपकी कमाई 15000 रूपए से कम है तो आप इसका फायदा बड़ी आसानी से उठा सकते हैं।
इस स्कीम के तहत हर महीने कामगारों को 3000 रूपए की पेंशन मिलेगी । आपके पार्टनर की असमय मृत्यु हो जाने पर फैमिली पेंशन का भी प्रावधान लागू होगा।
बाकी योजनाओं की तरह इस योजना में भी कोई भी व्यक्ति पेंशन खाते में जितना योगदान करेगा, उतना ही योगदान सरकार की ओर से भी किया जाएगा।
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साभार पत्रिका