पवन सेंगर/लखनऊ: मुरादनगर हादसे पर CM योगी ने सख्त एक्शन लिया है. घटना के लिए जिम्मेदार इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ रासुका लगाने के आदेश सूबे के मुखिया ने दिए हैं. इस पूरे नुकसान की वसूली दोषी इंजीनियर और ठेकेदार से वसूलने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा.
सीएम योगी ने डीएम और कमिश्नर को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब सितंबर में 50 लाख से ऊपर के निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था तो क्यूं हुई चूक? वहीं मृतक परिवारों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता और इनमें आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा मुहैया करने के भी सीएम के निर्देश दिए हैं.
मुरादनगर की घटना से व्यथित और नाराज मुख्यमंत्री सोमवार को अधिकारियों पर जम कर बरसे थे. घटना को अफसरों की गंभीर लापरवाही करार देते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है. ऐसे अपराध करने वाले अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. सीएम योगी ने कहा कि हर मंडलीय समीक्षा बैठकों में अफसरों को साफ तौर पर यह निर्देश दिया गया था कि, जिलों में हो रहे 50 लाख से अधिक की लागत के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच टास्क फोर्स गठित कर हर हाल में करवा ली जाए. मुरादनगर की घटना अफसरों की लापरवाही का परिणाम है.
मुरादनगर के उखलारसी में श्मशान स्थल पर बिल्डिंग की छत गिरने से रविवार को 24 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 16 लोग घायल थे. इसमें भ्रष्टाचार की परते खुलीं थी. जिसके बाद मुरादनगर नगर पालिका की निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और भवन के ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस हादसे की जांच मेरठ की मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम और एडीजी जोन मेरठ राजीव सब्बरवाल को दी गई है. सीएम योगी ने लापरवाह अफसरों और अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर बेहद नाराजगी जताई थी. अंदरखाने यह भी खबर है कि गाजियाबाद के डीएम पर भी गाज गिर सकती है.