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बिल्डरों ने घर खरीदारों के खून पसीने की कमाई के पैसे से खेला-खेल, नोएडा पहले नंबर पर तो लखनऊ दूसरे पर

Nbt के संवाददाता अखंड प्रताप सिंह के अनुसार पिछले दिनों ही जारी इन आंकड़ों से पता चलता है कि बिल्डर्स ने घर खरीदारों (Flat Buyers) के खून-पसीने की कमाई को लेकर जमकर खेल किया है। ऐसी गड़बड़ी के मामले में नोएडा (Noida) का प्रदेश में पहला स्थान है, जबकि लखनऊ (Lucknow) दूसरे नंबर पर और गाजियाबाद (Ghaziabad) का इस लिस्ट में तीसरा स्थान है।

  • खरीदार खा रहे हैं दर दर की ठोकरें

यूं तो सरकार ने फ्लैट खरीदारों (Flat Buyers) को बिल्डर्स (Builders) के चंगुल से निकालने के लिए रेरा (Real Estate Regulatory Authority) का गठन किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने मंत्री समूह (Group of Ministers) का भी गठन किया है। लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। आज भी फ्लैट खरीदार बिल्डर से पैसा पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। यूपी रेरा के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अभी तक 3 हजार 161 रिकवरी सर्टिफिकेट (Recovery Certificate) जारी की जा चुकी है। इसमें 1849 आरसी नोएडा के बिल्डरों को ही जारी हुई है। 426 आरसी गाजियाबाद व 739 आरसी लखनऊ के बिल्डरों को जारी हुई है। जबकि 147 आरसी प्रदेश के दूसरे जिले के बिल्डरों को जारी गई है।

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  • लोगों को नहीं मिल रहा फायदा

रेरा की तरफ से बिल्डर को जरूर आरसी (Recovery Certificate) जारी की जा रही है, लेकिन इसका फायदा खरीदारों को नहीं मिल रहा है। इस वजह से निवेशक कभी डीएम ऑफिस तो कभी हाईकोर्ट (High Court) के चक्कर लगा रहे हैं। राजनगर एक्सटेंशन की रेड एप्पल रेजिडेंसी के मामले में कई बायर्स के मामले को देखते हुए एक साल पहले बिल्डर को आरसी जारी की गई। लेकिन अभी तक निवेशकों को एक भी पैसा नहीं मिला है। ऐसे ही कई अन्य मामले हैं, जबकि रेरा के अधिकारियों का कहना है कि डीएम को लगातार इस संबंध में कहा जाता है कि आरसी के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए बायर्स के पैसे की रिकवरी की जाए।

  • 10 फीसदी रिकवरी भी मुश्किल

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रेरा द्वारा जारी की गई आरसी को देखा जाए तो उसके अपेक्षा रिकवरी रेट दस फीसदी भी नहीं है। गाजियाबाद में कुल 426 आरसी में से 30 में पूरी तथा 97 मामलों में आंशिक वसूली की गई। यहां भी 299 मामलों में एक रुपये की भी वसूली नहीं हो पाई है। नोएडा के मामले में भी यही हाल है। लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा से कुल 881 करोड़ रुपये की रिकवरी होनी है, जबकि अभी तक करीब 90 करोड़ रुपये की रिकवरी हो सकी है।

  • रिकवरी जल्द ही करवाने का प्रयास किया जाएगा

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यूपी रेरा (UP RERA) के चेयरमैन राजीव कुमार का कहना है कि कोविड की वजह से जिला प्रशासन सब की तरफ से लड़ाई लड़ रहा था। जिसकी वजह से रिकवरी स्पीड (Recovery Speed) काफी कम हो गई। लेकिन एक बार फिर इसमें तेजी आ रही है। उनकी टीम लगातार जिला प्रशासन के साथ संपर्क में है। समीक्षा भी हो रही है। आरसी (RC) वाले प्रकरण में रिकवरी जल्द से जल्द करवाने का प्रयास किया जाएगा।

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SourceNbt

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