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गोरखपुर

गोरखपुर में बाढ़ की तबाही के लिए जिम्मेदार हैं ये 06 नदियां

गोरखपुर : जिले की नदियों की कुल लंबाई 358 किलोमीटर है। इसमें से छह नदियां यहां कृषि से लेकर आबोहवा तक बहुत कुछ तय करती हैं। वह बेहतर सिंचाई का माध्यम हैं, लेकिन वह उफान पर होती हैं तो तबाही का पैगाम भी लाती है। वर्तमान में भी स्थितियां कुछ ऐसी ही हैं।

सबसे खतरनाक नदी राप्‍ती व सरयू

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नदियों में सबसे खतरनाक राप्ती व सरयू मानी जाती है। राप्ती जिले की सबसे लंबी नदी है तो सरयू जिले की सबसे चौड़ी नदी है।

जिले को प्रभावित करने वाली प्रमुख नदियां

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एक नजर में

1- राप्ती नदी- राप्ती का उद्गम स्थल नेपाल है। यह श्रावस्ती के काकरधारी से होकर बलरामपुर, सिद्धार्थनगर आती है। उसके बाद यह बर्डघाट से जिले में प्रवेश करती है। यह जिले में 134 किलोमीटर की यात्रा करती है और उसके बाद बड़हलगंज में सरयू नदी से मिल जाती है। राप्ती की बलरामपुर से बड़हलगंज तक की कुल लंबाई 521.36 किलोमीटर है। जिले में इसकी यात्रा घुमावदार है।

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2-रोहिन नदी- रोहिन महराजगंज जिले के त्रिमुहानी घाट से निकलती है। इस नदी की कुल लंबाई 149.56 किलोमीटर है। यह कैंपियरगंज, मानीराम होते हुए जिले में प्रवेश करती है और जिले में 30 किलोमीटर की यात्रा के बाद यह राप्ती नदी में मिल जाती है।

3- सरयू नदी- यह जिले की सबसे चौड़ी नदी है। गोंडा के कतरनिया से होते हुए बस्ती होकर यह बड़हलगंज में जिले में प्रवेश करती है। गोरखपुर जिले में करीब 77 किलोमीटर की यात्रा करते हुए देवरिया होते हुए बलिया चली जाती है। वहां गंगा नदी में मिल जाती है। बस्ती से बलिया तक इसकी कुल लंबाई 480 किलोमीटर है।

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4- आमी नदी- यह संतकबीरनगर से निकलने वाली नदी है। इसकी कुल लंबाई 147 किलोमीटर है। यह कौड़ीराम से जिले में प्रवेश करती है। जिले में 77 किलोमीटर की यात्रा के बाद यह राप्ती नदी में आकर मिल जाती है।

5- कुआनो नदी- यह बस्ती से आती है। सिद्धार्थनगर होते हुए गोरखपुर में प्रवेश करती है और यहां राप्ती नदी में मिल जाती है। कुआनो भी गोरखपुर जिले में कुल 23 किलोमीटर तक की यात्रा करती है। कुआनो की कुल लंबाई 195 किलोमीटर है।

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6- गोर्रा नदी- यह बेहद छोटी नदी है। इसकी कुल लंबाई 37 किलोमीटर है। इसमें से 17 किलोमीटर की यात्रा यह जिले में करती है।

यह भी जानिए

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– शहर को रोहिन व राप्ती नदी प्रभावित करती है।

-कछार को आमी, कुआनो, राप्ती व सरयू मिलकर प्रभावित करती हैं।

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-वर्ष 2020 में जिले में 22347 हेक्टेयर भूमि में जल भराव की स्थिति थी।

 

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SourceJnn

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