लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करने के साथ ही भाजपा दूसरी बार सरकार बनाने की ओर मजबूती से बढ़ रही है। भाजपा ने जैसे ही बहुमत की संख्या को पार किया, योगी आदित्यनाथ पांच साल के कार्यकाल के बाद राज्य में सत्ता में लौटने वाले पहले मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचने के लिए तैयार थे। 1985 के बाद ये पहली बार है जब यूपी में कोई पार्टी दोबारा सत्ता में आई है। 49 वर्षीय आदित्यनाथ देश में सबसे चर्चित मुख्यमंत्री हैं, जो यूपी से परे भाजपा के प्रमुख स्टार प्रचारकों में से एक हैं। सीएम योगी ने इस जीत के साथ उन मिथकों को भी तोड़ दिया है जो आसान नजर नहीं आ रहे थे।
1985 के बाद से यूपी में कोई भी नेता लगातार दो बार मुख्यमंत्री बन नहीं बन सका था। एक इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी ने दावा भी किया था कि वे कमबैक करेंगे और उस रिकॉर्ड को तोड़ेंगे। 1980 के विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में भी जोरदार वापसी की थी। इसके बाद से 37 साल हो गए लेकिन कोई सरकार दोबारा नहीं आई। सीएम योगी 2022 की इस जीत के साथ ये मिथक तोड़ते नजर आ रहे हैं।
नोएडा दौरे को लेकर मिथक भी टूटा
यूपी की सियासत में पिछले तीन दशक से एक और मिथक बना हुआ है। ये ऐसा मिथक था जिसके बारे में कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है। दरअसल, नोएडा को लेकर मिथक 1988 से बना हुआ है, जब पहली बार तत्कालीन सीएम वीर बहादुर सिंह नोएडा आए और अगला चुनाव हार गए। उनके बाद नारायण दत्त तिवारी सीएम बने और 1989 में नोएडा आए। लेकिन इसके कुछ समय बाद उनकी कुर्सी चली गई।
इसके बाद कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ कि वे नोएडा आए और हाथ से सीएम पद चला गया। 2011 में मायावती भी नोएडा आईं और अगले चुनाव में उनकी सरकार चली गई। सीएम रहते हुए अखिलेश यादव कभी नोएडा नहीं आए थे, हालांकि फिर भी वह सरकार रिपीट नहीं कर पाए थे। सीएम योगी अपने कार्यकाल के दौरान कई बार नोएडा आए और इस तरह से वह इस मिथक को भी तोड़ते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सरकार बनाती दिखाई दे रही है। भाजपा ने 274 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है जबकि दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी है, जिसके खाते में 124 सीटें हैं।