संत कबीर नगर । एसीएमओ डॉ मोहन झा ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस पर जांच सायं 4 बजे तक चलती है। प्राय: यह देखा जाता है कि गर्भवती की संख्या अधिक हो जाने पर उन्हें देर तक रुकना पड़ जाता है। ऐसे में अगर कोई भी गर्भवती दोपहर के बाद तक केन्द्र पर रुकती है तो उसको भोजन भी दिया जाएगा।
विशेषज्ञ से जांच जरूरी
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विजय गुप्ता बताते हैं कि गर्भवती की जांच आशा और एएनएम स्तर पर उपकेन्द्रों पर होती रहती है, लेकिन सरकार की मंशा यह है कि गर्भावस्था में कम से कम एक बार विशेषज्ञ के जरिए उनकी जांच कर ली जाए। इससे गर्भावस्था में चल रही महिला की हाईरिस्क प्रेगनेन्सी आदि का पता चल जाता है। उसी हिसाब से उसका उपचार होता है।
हर माह की नौ तारीख को सुरक्षित मातृत्व दिवस
सुरक्षित मातृत्व अभियान की जिला परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि जिले में हर महीने की नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान के दौरान प्रथम त्रैमास में हर गर्भवती की जांच चिकित्सक की देख रेख में होती है । अस्पतालों में ब्लड, यूरिन, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करने के साथ ही आवश्यक दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है । आवश्यकता पड़ने पर उनका अल्ट्रासाउण्ड भी किया जाता है। इस दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं का चिन्हीकरण भी किया जाता है।