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ज्ञानवापी मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्ष की सुनी दलीलें, वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पर लगाई रोक, दिया ये सख्त निर्देश

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को ज्ञानवापी केस में सुनवाई हुई, 5 मिनट तक हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा- बनारस कोर्ट अभी इस मामले पर कोई फैसला न दे। कल 4 बजे एक जज के फेयरवेल से पहले 3 बजे सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगी।

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि इस मामले में वाराणसी कोर्ट में रोज सुनवाई हो रही है और नए फैसले दिए जा रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सख्त निर्देश जारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार दोपहर 3 बजे फिर सुनवाई होगी।

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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच में 11.03 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई। यह सुनवाई 11.08 मिनट तक चली। कोर्ट में हिंदू पक्ष ने कहा कि हमने अभी हलफनामा दाखिल नहीं किया है, इसलिए और वक्त दिया जाए, जिसके बाद कोर्ट की सुनवाई कल तक के लिए टल गई। मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल कर प्लेसेस ऑफ वर्शिप 1991 एक्ट का दलील देते हुए सर्वे कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।

इस याचिका पर मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने याचिका सुनते हुए 3 अहम बातें कही थी…

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  1. शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित किया जाए।
  2. मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से न रोका जाए।
  3. सिर्फ 20 लोगों के नमाज पढ़ने वाला ऑर्डर अब लागू नहीं।

हलफनामा दाखिल नहीं किया, अतिरिक्त समय की मांग करेंगे
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमने अभी हलफनामा दाखिल नहीं किया है। कोर्ट से हम अतिरिक्त समय की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी नए घटनाक्रम हुए हैं। ऐसे में सभी अपडेट के साथ हम सुनवाई के लिए जाएंगे।

UP सरकार और हिंदू पक्ष को जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को UP सरकार और हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि गुरुवार को सभी पक्ष सुनवाई में मौजूद रहेंगे। कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील बीमार पड़ गए थे, जिसकी वजह से वे उपस्थित नहीं हो सके।

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वाराणसी लोअर कोर्ट ने दिया था सर्वे का निर्देश
वाराणसी कोर्ट ने 16 अप्रैल को दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की याचिका पर सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया था।

18 अगस्त 2021 को चारों महिलाओं ने एक याचिका दाखिल की, जिसमें कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए।

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