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यूपी के इस जिले की महिलाओं को गाड़ी चलाना कम, हथियार चलाना ज्यादा पसंद है!

शस्त्र लाइसेंस लेने में पुरषों से पीछे नहीं महिलायें

महाराज गंज-: एआरटीओ से वाहन ड्राइविंग के लिए जारी लाइसेंस में महिलाओं की हिस्सेदारी एक फीसदी भी नहीं वहीं हथियार रखने वाले लोगों में महिलाओं की संख्या चार फीसदी नारी सशक्तीकरण को प्रोत्साहन मिलने के बाद जिले की महिलाएं हर क्षेत्र में तरक्की की इबारत लिख रही हैं। पर उनके रूझान के आंकड़ों पर गौर करें तो महिलाएं गाड़ी चलाने की तुलना में हथियार चलाने की ज्यादा शौकीन दिख रही हैं। जिला प्रशासन व एआरटीओ से जारी लाइसेंस के आंकड़ों के मुताबिक एआरटीओ विभाग ने वाहन चलाने के लिए जितना लाइसेंस जारी किया है उसमें महिलाओं की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है। वहीं कलक्ट्रेट से निर्गत शस्त्र लाइसेंस में महिलाओं की संख्या चार फीसदी के करीब है।

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जिले की ग्रोथ रेशियो के आंकड़ें बताते हैं कि पिछले सात साल में महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक, इंजीनियरिंग, विज्ञान के क्षेत्र के अलावा व्यवसाय में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। प्रतिस्पर्धा व घर की जिम्मेदारियों के बीच महिलाएं स्व रोजगार को भी महिला समूह के माध्यम से अपनाकर आर्थिक समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन महिलाओं की तरक्की के लिए आगे बढ़ कर मदद का हाथ बढ़ा रहा है।

27 सौ महिलाओं के हाथ में स्टेयरिंग की कमान
एआरटीओ आरसी भारती ने बताया कि जिले में अभी तक 3 लाख 26 हजार 392 लोगों को वाहन ड्राइविंग का लाइसेंस जारी किया गया है। इसमें महिलाओं की संख्या 2772 है। उन्होंने बताया कि महिलाएं लाइसेंस बनवाने के लिए अब पहले की तुलना में अधिक संख्या में कार्यालय में आवेदन कर रही हैं। परीक्षण व अन्य मानकों पर परीक्षण के बाद उनको प्राथमिकता के आधार पर लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है। महिलाओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना होने पाए, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वरीयता भी दी जा रही है।

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चार फीसदी महिलाओं के हाथ में शस्त्र

जिलाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्रीनाथ धर दूबे ने बताया कि जिले में अभी तक 2763 नागरिकों को शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है। इसमें 113 महिलाओं का भी नाम शामिल हैं। उनको भी शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है। इसमें से 11 महिलाएं ऐसी हैं जिनके पास दो-दो हथियार का लाइसेंस है। जारी लाइसेंस के अनुपात पर गौर करें तो चार फीसदी महिलाएं शस्त्र धारक हैं। बहुत सी महिलाएं शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए कार्यालय में सम्पर्क कर रही हैं।

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