लखनऊ: प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंडी परिषद के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में उद्यान मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि मंडी परिषद में निर्माण कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की जांच हेतु कमेटी गठित की जाए तथा गुणवत्ताविहीन कार्य करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि वह स्वयं मंडी परिषद की सड़कों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण में गुणवत्ता विहीन कार्य पाए जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था तथा अधिकारियों के खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज कराई जाएगी।
समीक्षा के दौरान उद्यान मंत्री ने निर्देश दिया कि मंडी परिषद की परिसंपत्तियों पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा ना होने पाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए निर्यात हेतु बेहतर सुविधाएं व प्रोत्साहन दें। दुकानों, गोदामों के प्रीमियम, किराए तथा यूजेज चार्ज के बकाए की वसूली शीघ्र कराई जाए। जिन जनपदों में राजस्व वसूली कम हुई है वहां के संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने कहा कि मंडियों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में निदेशक मंडी परिषद अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि सभी जनपदों में बकाए की वसूली कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में रु0 1590 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष अब तक कुल रु0 997 करोड़ की आय विभाग कर चुका है। निदेशक ने बताया कि विभाग द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं में से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना में 77 लाभार्थियों को 1.29 करोड़, मुख्यमंत्री खेत-खलियान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना में 4581 लाभार्थियों को 3.89 करोड़ तथा कृषक छात्रवृत्ति योजना में 571 लाभार्थियों को रू0 2.04 करोड़ से लाभान्वित किया जा चुका है।