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उतर प्रदेशलखनऊ

मुख्यमंत्री ने नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों को दिया नियुक्ति पत्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश सरकार ने चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने का कार्य किया है। हर सरकार का दायित्व है कि वह चयन प्रक्रिया को ईमानदारी से आगे बढ़ाये, जिससे सुयोग्यतम व पात्र अभ्यर्थियों को मौका मिल सके। प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढे़ पांच वर्षाें में मिशन रोजगार के तहत चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। इसका परिणाम है कि विगत साढे़ पांच वर्षाें में 05 लाख से अधिक नौजवानों को प्रदेश में सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है। आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सहित अन्य सभी बोर्डों द्वारा की गयी निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया में कोई भाई-भतीजावाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 1395 नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 11 नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों से संवाद भी किया। संवाद के दौरान प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती चयन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस चयन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आज प्रदेश का प्रतिभाशाली युवक अपने राज्य में योग्यता के अनुसार निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयनित होकर अपनी सेवाएं देेने के लिए तत्पर दिखाई दे रहा है। उन्हांेने विश्वास व्यक्त किया कि नवचयनित अभ्यर्थी पूरी तत्परता, ईमानदारी एवं प्रतिबद्धता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। साथ ही, अपने शिक्षण संस्थाओं की टीम के साथ मिलकर एक आदर्श संस्था के रूप में स्थापित करने में योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य मंे बेहतरीन कानून व्यवस्था स्थापित की है। परिणामस्वरूप प्रदेश में व्यापक पैमाने पर निवेश हुआ है। इस निवेश से प्रदेश में 01 करोड़ 61 लाख से अधिक नौजवानों को निजी क्षेत्र में नौकरी व रोजगार मिला है। स्टार्टअप स्थापित करने की चाह रखने वाले युवाओं को बैंकों से जोड़ने के साथ ही, रोजगार में आने वाली अन्य बाधाओं को दूर किया गया है। परिणामस्वरूप प्रदेश में 60 लाख से अधिक नौजवानों व उद्यमियों को स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता प्राप्त हुई है। मिशन रोजगार के तहत आज यहां नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर मिशन रोजगार को मजबूती के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 10 लाख से अधिक अग्निवीरों का चयन हो रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालय में 10 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी व रोजगार के साथ जोड़ने की कार्यवाही को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार ऐसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकार किया गया है, जो केवल पुस्तकीय ज्ञान तक किसी विद्यार्थी को सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उसमें नवाचार के साथ शोध व विकास की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों से कहा कि इस अवसर पर उनका चयन उन्हें कुछ नया करने के लिए प्रेरित करेगा। यदि हम समय की गति के अनुरूप नहीं चल पाये तो हम पिछड़ जायेंगे। यह दुनिया में भारत की पुरातन पहचान को फिर से स्थापित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इनोवेशन, रिसर्च को आगे बढ़ाना होगा। शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थानों का दायित्व बनता है कि वे अपने आपको तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व नियुक्ति की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद किसी से छुपा नहीं है। प्रदेश में विगत साढे़ पांच वर्षाें में अपराध, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ ही, भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के प्रति भी जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया गया है। इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश का युवा अपनी योग्यता, क्षमता व प्रतिभा के अनुरूप कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय स्तर की एजेन्सियां, जो देश में बेरोजगारी दर की निष्पक्ष विवेचना करती हैं, उनके अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से घटकर 02 प्रतिशत हो गयी है।

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मुख्यमंत्री ने नवचयनित शिक्षकों से कहा कि सरकारी नौकरी प्राप्त करने के बाद उन्हें लापरवाह नहीं होना चाहिए, बल्कि एक नेशनल कैरेक्टर बनाने की आवश्यकता है। जैसे आप अपने परिवार के प्रति जवाबदेह बनते हैं, वैसे ही अपने कॉलेज, क्लास एवं बच्चों के प्रति भी जवाबदेह बनें। अभिभावक बड़ी आशा एवं विश्वास के साथ शिक्षण संस्थाओं में अपने बच्चों को भेजते हैं। किसी भी कारणवश शिक्षण संस्थाओं में शिक्षणकार्य की रुकावट, शासन, समाज, अभिभावकों, विद्यार्थियों के विश्वास के साथ धोखा होता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस विश्वास पर खरा उतरने के लिए प्रयास करें। विद्यालय शिक्षकों की जीविका का साधन है। विद्यालय की स्वच्छता की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। शिक्षकों को विद्यालय एवं उसके आस-पास स्वच्छता बनाये रखनी होगी। विद्यालय के प्रति प्रत्येक शिक्षक का वही भाव होना चाहिए, जो उसका अपने घर, देवालय एवं धर्मस्थलों के प्रति होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम व्यावहारिक जीवन में जो करते हैं, वह व्यक्ति की पहचान का आधार बन जाता है। शिक्षक का कार्य डिग्री लेकर नौकरी प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका क्षेत्र विस्तृत है। आपने जीवन में जिस क्षेत्र का चयन किया है, वह जितना आसान दिखता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण है। आसान इसलिए कि प्रत्येक व्यक्ति शिक्षक के रूप में आपके प्रति सम्मान का भाव रखेगा। चुनौतीपूर्ण इसलिए कि आपको अब साबित करना है कि विद्यालय में शैक्षणिक माहौल हो। साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षिक गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए अपने आपको अपडेट करना होगा। देश व दुनिया में चल रही गतिविधियों को जोड़कर अपडेट रहना होगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की है। यह शिक्षा जगत के माध्यम से देश को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। प्रत्येक शिक्षक को अपने आपको इससे जोड़ना होगा। इसमें बताये गये कर्तव्यों के अनुरूप अपने आपको ढालना होगा। भारत दुनिया में शिक्षा के एक बड़े केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित होने की सम्भावना रखता है। इन सम्भावनाओं के लिए सभी शिक्षकों एवं शिक्षण संस्थाओं को स्थानीय आवश्यकताओं, इण्डस्ट्री को ध्यान में रखते हुए तैयार होना होगा, जिससे शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात छात्र को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढे़ पांच वर्षाें में बेसिक शिक्षा परिषद में 01 लाख 26 हजार से अधिक शिक्षकों की निष्पक्ष भर्ती हुई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में 40,000 से अधिक नियुक्तियां हुई हैं। उच्च शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग में भी निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से भर्ती की गयी है।

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उन्होंने कहा कि जैसे प्रदेश में नियुक्ति प्रक्रिया में ईमानदारी एवं निष्पक्षता की गई है, वैसे ही ईमानदारी और निष्पक्षता को जीवन एवं अपनी कार्य पद्धति का हिस्सा बनाएं।
उत्तर प्रदेश को देश के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करना है। उत्तर प्रदेश में असीम सम्भावनाएं हैं। देश में सबसे अधिक युवा उत्तर प्रदेश में हैं, इन युवाओं को तैयार करने की जिम्मेदारी हमारी है। युवाओं के स्किल डेवलपमेण्ट के लिए शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाओं को अपने आपको तैयार करना होगा। इसीलिए इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। संस्कृत विद्यालयों में तात्कालिक रूप से मानदेय पर शिक्षकों की नियुक्ति करायी गई है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के निष्पक्ष एवं पारदर्शी पदस्थापन के लिए तकनीकी का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी गई है। शिक्षकों को भी अपनी कार्यपद्धति में ऐसी ही निष्पक्षता दिखानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश का बेहतरीन वातावरण बना है। आज देश व दुनिया में प्रदेशवासियों को सम्मान मिलता है। उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में लोगों का परसेप्शन बदला है। इस परसेप्शन को और बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोग कार्य प्रारम्भ करेंगे, तो उसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा देश में सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछडे़ 112 आकांक्षात्मक जनपदों का चयन किया गया था। इन आकांक्षात्मक जनपदों के विकास हेतु 06 पैरामीटर्स-शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं जल संसाधन, स्किल डेवलपमेण्ट, रोजगार, वित्तीय समावेशन तय किये गये। इसकी मॉनीटरिंग नीति आयोग द्वारा की गई। इन 112 जनपदों में 08 जनपद उत्तर प्रदेश के थे। कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश के इन 08 आकांक्षात्मक जनपदों के विकास हेतु प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किया गया। परिणामस्वरूप आकांक्षात्मक जनपदों में जिन जनपदों ने सर्वाधिक विकास किया है, उनमें टॉप-10 में प्रदेश के 05 जनपद तथा टॉप-20 में प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जनपद शामिल हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले 11 नवचयनित अभ्यर्थियों में प्रवक्ता पद के अनुपम, कृति चौरसिया, मोहिनी सिंह, विजेन्द्र सिंह, श्री शिवम सिंह, प्रांजल ओझा, अनुराग गौड़, श्रद्धा सिंह एवं सहायक अध्यापक पद के प्रमोद कुमार मौर्य, नीलम कुमारी तथा मोहम्मद आसिफ खान शामिल थे।

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इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारमुक्त, निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया राज्य सरकार का संकल्प है। आज का दिन माध्यमिक शिक्षा के लिए गौरवशाली क्षण है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 123 सहायक अध्यापकों तथा 1,272 प्रवक्ताओं का ऑनलाइन पदस्थापन हुआ है।

कार्यक्रम के दौरान प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुधीर महादेव बोबडे ने मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ शंख की ध्वनि, संस्कृत श्लोकवाचन के साथ किया गया। माँ सरस्वती की वन्दना भी प्रस्तुत की गयी।
इस अवसर पर महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनन्द सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा नवचयनित अभ्यर्थीगण उपस्थित थे।

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