मानहानि मामले पर राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसी को लेकर मंगलवार को पार्टी ने दिल्ली के लाल किले से टाउन हॉल तक लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च निकाला.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद पार्टी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने लाल किले के पास विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत समेत कई पार्टी नेताओं को हिरासत में लिया है. सभी हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस वैन में ले जाते हुए भी दिखाई दी.
Tv9 खबर से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास कांग्रेस नेताओं को विरोध प्रदर्शन और मार्च किए जाने की अनुमति देने से इनकार किया था. इसके चलते कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. हिरासत में लिए जाने के बाद उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.
निकाला जा रहा था मशाल शांति मार्च
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पार्टी के सभी सांसद और नेता मंगलवार शाम 7 बजे लाल किले से टाउन हॉल तक ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ में हिस्सा लेंगे. साथ ही उन्होंने बताया था कि अगले 30 दिनों में देशभर में ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन किया जाएगा.
दिल्ली: पुलिस ने मशाल मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा, "ये लोकतंत्र की हत्या है। हमने मशालें जलाई जिन्हें पुलिस ने बुझाने का काम किया। लेकिन हम दिल की मशाल जलाएंगे, हर जुलूम से लड़ेंगे।" pic.twitter.com/dBueimavTu
Advertisement— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2023
यह है मोदी सरनेम मामला
बता दें कि मानहानि मामले पर राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने भरे मंच से से कहा था कि सभी चोरों का एक ही उपनाम है. वह नाम मोदी है. अदालत ने राहुल गांधी को इसी मानहानि मामले पर दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. शुक्रवार को लोकसभा ने औपचारिक रूप से राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया. लोकसभा में उनकी सदस्यता रद्द हो गई.
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस ने संसद में काला दिवस मनाया था. इसमें तृणमूल कांग्रेस (TRS) और तेलंगाना के सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे.