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मकर संक्रांति: उत्तरायण का पर्व”- अपनी संस्कृति को समृद्धि, एकता, और परंपरागत सिद्धांतों के साथ जोड़ता है मकर संक्रांति:- सईद पठान

मकर संक्रांति, हिन्दी पंचांग में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो हमारे देश में साहित्य, संस्कृति, और धार्मिक अनुष्ठान का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण को चिह्नित करता है और हरियाली, खिली धान की खुशबू, और खुदाई के लिए एक सशक्त प्रारंभ का प्रतीक है।

मकर संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और दिन का समय बढ़ने लगता है। यह उत्तर भारतीय राज्यों में लोगों के लिए खासकर महत्वपूर्ण है, जहां सर्दी के मौसम में इस पर्व के साथ रंग-बिरंगे पर्वतराज, बालू, और पहाड़ियों के मैदानों में मनाया जाता है।

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इस दिन लोग अपने परिवारों के साथ मिलकर खिला हुआ तिल, गुड़, और खजूर खाते हैं जिससे आत्मा का पवित्रता बनी रहती है। विभिन्न राज्यों में इसे बीना, मक्की रोटी, खिचड़ी, और तिल-गुड़ बनाने के साथ मनाया जाता है।

मकर संक्रांति का एक और अद्भुत पहलू है उत्तर भारत में हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में लोहड़ी नामक त्योहार के साथ जुड़ना। लोग आग के चर्चे के साथ बोनफायर जलाते हैं और खुद को इस उत्सव की रोशनी में सुधारते हैं।

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इस पर्व के माध्यम से हम अपनी संस्कृति को समृद्धि, एकता, और परंपरागत सिद्धांतों के साथ जोड़ते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की ओर एक कदम बढ़ाते ह

 मकर संक्रांति के महत्वपूर्ण पहलुओं का विस्तार ।।

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1. सूर्य की महत्ता: मकर संक्रांति एक प्रमुख सौर उत्सव है, जिसमें लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। सूर्य को जनवरी में उत्तरायण के साथ मकर राशि में प्रवेश करते हुए देखते हैं, जिससे दिन का समय बढ़ता है और शीतकाल की समाप्ति होती है।

2. किसानों का पर्व: इसे भारतवर्ष में एक सशक्त किसान के रूप में भी माना जाता है। यह गेहूं, तिल, और गन्ना जैसी फसलों के पकने का समय है और किसान इसे आने वाले फसल की एक नई शुरुआत के रूप में मनाते हैं।

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3. लोहड़ी का उत्सव: पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। इसे बोनफायर, गाने, नृत्य, और खासकर सर्दी के मौसम में समृद्धि की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

4.मिथाईयाँ और खास भोज: इस दिन लोग एक दूसरे के साथ मिठाई बाँटते हैं और खास भोजों का आयोजन करते हैं, जिसमें तिल, गुड़, मूंगफली, और खोया का उपयोग किया जाता है।

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5. पर्व की साझेदारी: मकर संक्रांति एक परिवारिक और सामाजिक समृद्धि का पर्व है जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ता है। इस अवसर पर लोग मिलकर समृद्धि और खुशियों का आनंद लेते हैं।

समापन: मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत को और भी मजबूती प्रदान करता है और लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़कर समृद्धि और आनंद का अनुभव करने का अवसर देता है। यह पर्व भारतीय समृद्धि और एकता की भावना को मजबूत करता है और हमारी सांस्कृतिक धाराओं को आगे बढ़ाता है।**

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