दिल्ली । वह घड़ी आ गई है जिसका कोलकाता के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। शहर के अंदर और नदी के नीचे से गुजरने वाली मेट्रो रेल का संकल्प अब साकार रूप ले चुका है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की घोषणा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक परियोजना का उद्घाटन छह मार्च को करेंगे।
भारत की पहली मेट्रो का विस्तार
कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro) का निर्माण 1970 के दशक में आरंभ हुआ था। रेल मंत्री के अनुसार पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के नेतृत्व में हुई प्रगति पूर्व के 40 वर्षों की तुलना में अधिक है। यह भारतीय रेलवे (Indian Railways) के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान तक का सफर
हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे बनी इस मेट्रो सुरंग का ट्रायल रन पहले ही सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। एस्प्लेनेड से हावड़ा मैदान तक की यह यात्रा न केवल यात्रा के समय को कम करेगी बल्कि शहर की यातायात प्रणाली (Transportation System) में एक क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। इस मेट्रो लाइन की कुल लंबाई लगभग 16.5 किमी है, जिसमें से 10.8 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के नीचे से होकर गुजरता है।
परियोजना की विशेषताएं
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह नदी के नीचे से गुजरने वाली भारत की पहली मेट्रो सुरंग (Underwater Metro Tunnel) है। इससे शहर के दो महत्वपूर्ण हिस्सों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और यातायात का दबाव भी कम होगा। इस परियोजना से न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि यह पर्यावरण (Environment) के लिए भी फ़ायदेमंद होगी।