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पुलिस अधीक्षक की समझदारी से,अवैध रेत उत्खनन माफियाओं की गिरफ्तारी में मिली बड़ी सफलता

श्रीगोपाल गुप्ता

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर चम्बल नदी से रेत उत्खनन पर लगी रोक के कारण लगभग डेढ़ दशक से अवैध रेत उत्खनन को लेकर मुरैना पुलिस और पत्थर व रेत माफिया के बीच अघोषित युद्ध छिड़ा हुआ है! स्थिति इतनी विकट और भयावाह है कि इस लड़ाई में कभी पुलिस ऊपर होती है तो कभी-कभी रेत व पत्थर माफिया की बल्ले-बल्ले हो जाती है!

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पुलिस चम्बल नदी में जलीय जीवों की सुरक्षा बाबत बने चम्बल अभ्यारण्य की रक्षा के लिए नदी से अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए जहां अपने जवानों की शहादत देने में नहीं हिचकती तो वहीं अवैध रेत माफिया भी किसी की भी बली लेने में हिचकते नहीं हैं! परिणाम सामने हैं कि आम आदमी,छोटे-छोटे बच्चे और पुलिस के आला अधिकारी सहित कई जवानों की मौत के जिम्मेदार रेत माफिया आज भी धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन का काम कर रहे हैं!

गत कई वर्षों में घटी घटनाएं बताती हैं कि जब-जब पुलिस ने इन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है तब-तब माफियाओं द्वारा भी उसका जबाव पूरे आंतक के साथ दिया गया है! ये कहना अतिशयोक्तिपूर्ण न होगा कि ऐसी विकट स्थिति में मुरैना जिला पुलिस अधीक्षक डा. आसित यादव द्वारा गत सोमवार-मंगलवार की रात्री दरमियान अवैध रेत उत्खनन व परिवहन करने वाले माफियाओं के खिलाफ की गई समझदारी भरी बड़ी कार्यवाही पुलिस विभाग के लिए एक और ऐतिहासिक बड़ी सफलता के रुप में सामने आई! रेत के अवैध कारोबार पर कड़ी लगाम लगाते हुये पुलिस अधीक्षक डा. आसित यादव ने स्वयं कमान संभालते हुये रात्री में बिना कोई रक्त बहे व गोली चालन के 11 अवैध रेत की भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को जप्त कर 5 आरोपियों को दबोचने में सफलता प्राप्त की!

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दरअसल रेत माफियाओं व पुलिस के बीच घटित कई हिंसक पुरानी घटनाओं का अध्ययन कर इससे सबक लेते हुये डा. यादव ने एक नई योजना बनाई!योजना ऐसी कि इसमें शामिल 80 जवानों को भी ये खबर नहीं थी कि आगे क्या होने वाला है? जिला मुख्यालय मुरैना की पुलिस लाइन में तो पुलिस जवान वर्दी में पहुंचे मगर इसके बाद योजना के तहत सभी से वर्दी उतार कर ग्रामिण परिवेश के कपड़े पहनने को कहा गया! इससे पहले सभी जवानों के मोबाइल जमा कर लिये गये और उन्हें सख्त हिदायत दे दी गई कि आॅपरेशन के दौरान किसी को भी जोर से खांसने, आवाज करने व आपस में भी बात करने की अनुमति नहीं है! इसके बाद सभी जवानों को डम्पर में बिठाकर चम्बल नदी के बरेथा घाट की और रवाना कर दिया गया! विशेष गोपनियता के साथ घाट पर पहुंचे पुलिस बल को ग्रामीण कपड़ों में डम्पर पर बैठे देख माफिया ने इसको गंभीरता से नहीं लिया! चूकि अवैध रेत उत्खनन व परिवहन में लगे ग्रामिणों के डम्पर में बैठकर घाट पर आना जाना एक सामान्य सी बात है! बस यहीं डा. यादव की प्लानिंग सफल हो गई और मोका मिलते ही जवानों ने बिना देरी व सख्ती बरते लगभग 60 लाख रुपए के 11 ट्रैक्टर-ट्रॉली जप्त कर लिये जबकि पांच आरोपियों को पकड़ने में सफल रहे! बिना किसी रक्तपात व किसी गोली चालन के यह सफलता मुरैना पुलिस के लिये बड़ी और अहम है क्योंकि यह माननीय हाईकोर्ट व एडीजी पुलिस चम्बल रेंज डीपी गुप्ता के चम्बल नदी से अवैध रेत उत्खनन रोकने के उद्देश्य को तो सफल कर ही रही है साथ में चम्बल रेंज के अन्य जिलों के पुलिस अधिक्षकों के लिए भी एक उदाहरण है!पुलिस अधीक्षक डा. आसित यादव की समझदारी से भरी इस कार्यवाही से एक तरफ जहां अवैध रेत व पत्थर माफियाओं में हड़कम्प मच गया है वहीं काफी दिनों बाद पुलिस के जवानों में भी नए जोश का संचार हुआ है!

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