सांगीपुर फायर ब्रिगेड में तैनात सिपाही ने पुलिस अधीक्षक का नंबर हैक कर उदयपुर थानाध्यक्ष सेे रुपये की मांग की। मंदिर बनवाने के लिए चंदे के नाम पर रुपये मांगने वाले आरोपी सिपाही को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से धर दबोचा। केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। एसपी ने उसे निलंबित कर दिया है।
उदयपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक विपिन सिंह से तीन अक्तूबर को पुलिस अधीक्षक के सीयूजी नंबर से फोनकर मंदिर बनवाने के नाम पर 31 हजार रुपये की मांग की गई थी। फोन करने वाले ने खुद को एसपी बताते हुए कहा कि वह किसी को भेज रहा है, उसे रुपये देने हैं। यह बात प्रभारी निरीक्षक विपिन सिंह को हजम नहीं हुई।
उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य को दी। जिस पर एसपी ने हैरानी जताई और केस दर्ज कर मामले की जांच करने को कहा। एसपी के निर्देश पर विपिन सिंह ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी, जबरन धनउगाही, आईटी एक्ट का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
उदयपुर थानेदार से एसपी बनकर रुपये मांगने वाले की लोकेशन शुक्रवार को अठेहा तिराहे पर मिली। पुलिस ने वहां दबिश देकर आरोपी को धर दबोचा। पूछताछ के दौरान आरोपी की पहचान फायर ब्रिगेड के सिपाही के रूप में हुई। आरोपी सिपाही सुल्तानपुर जिले के चांदा थाना क्षेत्र के छापर निवासी दीनापुत्र कल्लू है। वर्तमान समय में सांगीपुर फायर ब्रिगेड में उसकी तैनाती है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। एसपी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया है। एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सांगीपुर फायर ब्रिगेड के सिपाही ने मेरे सीयूजी नंबर को हैक कर रुपये मांगे थे। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
ऐसे पुलिस की गिरफ्त में आया सिपाही
सीयूजी नंबर हैक करने के बाद सिपाही ने एसपी बनकर थानेदार को काल कर रुपये मांगे। उसने थानेदार विपिन सिंह को एक मोबाइल नंबर नोट कराते हुए कहा कि इस पर काल कर मंदिर बनवाने वाले को बुलाकर 31 हजार चंदा दे दो। यही नंबर देकर आरोपी सिपाही फंस गया। पुलिस ने इस नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया। सर्विलांस की मदद से पुलिस आखिरकार आरोपी तक पहुंचने में कामयाब हो गई।