नई दिल्ली. फोर व्हीलर या टू व्हीलर वाहन आपके पास है तो आपको अपनी गाड़ी का वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए. यदि आपने बनवा रखा है तो उसकी एक्सपायरी डेट (Expiry date) भी आप चेक कर लें और उसे रिन्यू करा लें. यदि आप ऐसा नहीं करते है तो आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है. दरअसल पिछले साल केंद्र सरकार ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम (New motor vehicle act) में लागू किया था. जिसमें PUC नहीं होने पर लगने वाला जुर्माना 10 गुना बढ़ा दिया गया है. जिसके बाद पीयूसी नहीं होने पर वाहन चालक को 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. बता दें इससे पहले यह जुर्माना केवल एक हजार रुपये था.
समझिए क्या होता है PUC?
पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन मालिक को तब मिलता है जब गाड़ी प्रदूषण कंट्रोल मानकों पर खरा उतरती है. इस सर्टिफिकेट की मदद से पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण नियमों के अनुसार है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं है. सभी वाहनों को मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है. नई गाड़ी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है. वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है. इसे समय-समय पर री-न्यू कराना पड़ता है.
समझिए क्या होता है PUC?
पीयूसी सर्टिफिकेट वाहन मालिक को तब मिलता है जब गाड़ी प्रदूषण कंट्रोल मानकों पर खरा उतरती है. इस सर्टिफिकेट की मदद से पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण नियमों के अनुसार है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं है. सभी वाहनों को मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है. नई गाड़ी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है. वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है. इसे समय-समय पर री-न्यू कराना पड़ता है.
10 गुना बढ़ा जुर्माना
‘PUC नहीं तो इंश्योरेंस नहीं’
SC के आदेश के अनुसार, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि आप वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यू के समय वैलिड पीयूसी पेश करें. अपको बता दें जुलाई 2018 में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक पीयूसी सर्टिफिकेट न जमा किए जाएं तब तक वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी री-न्यू न किए जाएं.