- एसओजी टीम से पहले 36 घंटे में हत्या का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम के एक सदस्य का 3महीने से नाकामयाब विवेचना
खलीलाबाद संत कबीर नगर । खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र ग्राम छाछा पार में हुए एक 70 वर्षीय व्यवसाई के हत्या का पर्दाफाश एसओजी टीम से पहले चार पुलिस चौकी प्रभारी टीम 36 घंटा हुए हैं हत्या का पर्दाफाश कर सराहनीय कार्य किया, जिसके लिए पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर ने टीम को 10 हजार रुपया पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देने का घोषणा की है।
हत्या का पर्दाफाश करने वाली टीम के एक सदस्य चौकी प्रभारी लगभग 90 दिन पहले लगभग 25 लाख के जेवरात और 78हजार नगद हुए चोरी के मामले विवेचक अधिकारी बनाए गए लेकिन आज तक उस चोरी का पर्दाफाश नहीं कर पा रहे हैं पीड़ित परिवार के बार-बार पैरवी करने पर भी पीड़ित को कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाता है जिससे पीड़ित का परिवार दर-दर भटक रहा है
*क्या है पूरा मामला*
कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला रामनगर कॉलोनी निकट नेहरू इंटर कॉलेज निवासी स्वर्गीय रामनिवास चौधरी के घर 16 जून 2001 को सह परिवार स्वर्गीय रामनिवास चौधरी का ब्रह्भोज गांव झीनखाल बंजरिया संपन्न था जिसमें सपरिवार गांव पर थे। रात करीब 8:30 बजे लगभग स्वर्गीय रामनिवास के बड़े दामाद ब्रह्मभोज झीनखाल बंजरिया से निवास रामनगर कॉलोनी पर पहुंचते है बाउंड्री मेन गेट खोल कर घर के अंदर प्रवेश करना चाहते हैं लेकिन घर के अंदर से कुंडी बंद होने के कारण प्रवेश ना होने से पर गांव झिनखाल में अपनी पत्नी संजना चौधरी को फोन पर स्थिति बताते हैं फिर भी किसी को चोरी होने का शंका नहीं होता है और अगल-बगल से मदद मांगने की सलाह उनकी पत्नी देती है अगल बगल के लोगों के इकट्ठा होने पर किसी तरह दरवाजा को तोड़कर घर के अंदर प्रवेश करते हैं तो मुख्य द्वार के बेड पर ही घर का सामान बिखरा पड़ा होता है जिसकी सूचना फिर वह गांव पत्नी को देते हैं सपरिवार गांव से इकट्ठा रामनगर कॉलोनी घर पर होते हैं परिवार पड़ोसी अगल-बगल के पूछताछ में घर से सटे एक मकान के निवासियों से इन लोगों का झगड़ा हो जाता है जिसमें पुलिस डायल 112 नंबर आती है स्वर्गीय रामनिवास चौधरी के पुत्र सौरभ चौधरी की तहरीर पर 17 जून 2021को दो व्यक्तियों पर नामजद व दो अज्ञात व्यक्तियों पर मुकदमा नंबर0413,धारा 457/380/323/506 में मुकदमा दर्ज करती है घर के बगल में तीन अज्ञात व्यक्ति उस झगड़े में शामिल थे।
पुलिस की पूछताछ में उन्होंने अपने आप को बगल घर का रिश्तेदार बताया, *चोरी हुए समान की लिस्ट जिसे परिजन के द्वारा पुलिस को दिया गया। * स्वर्गीय रामनिवास चौधरी की पत्नी का जेवरात* कान का झुमका, गले का हार, माला ,मंगलसूत्र, कान की बाली दो, मांग टीका दो, नथिया, चार अंगूठी, झाला, पायजेब दो, पायल 3, टप्स, नाक की कील 4,। *विवाहित बड़ी लड़की के जेवरात* मांग टीका दो, झुमका बड़ा वाला, झाला, बाली ,ब्रिजवाली छोटा, सुई धागा,3 टप्स,3 नथ,कील बडा वाला, मारवाड़ी नथनी, गले का हार, दो मंगलसूत्र, कड़ी झाला, मारवाड़ी मंगलसूत्र, कंगन, पांच अंगूठी, 2 पायजेब, 6छोटी पायल, 15 जोड़ी बिछिया, हाथ पलानी, *छोटी लड़की जिसकी शादी नवंबर 2021 में तय थी* दो चेन गले का, 4 अंगूठी, 5 नाक की कील, 4 जोड़ी पायल, 2 जोड़ी बिछिया, चार कड़ा, करधन, पायल 4, 8000 रुपए नगद, *स्वर्गीय रामनिवास के छोटे पुत्र सौरभ चौधरी का सामान* गले का चैन, अंगूठी, लाकेट , चांदी का चम्मच कटोरी, 78 हजार रुपया नगद तथा समस्त परिवारों के जेवरात की कीमत लगभग 25 लाख दिखाया गया है।
स्वर्गीय रामनिवास का व्यवसाय* स्वर्गीय रामनिवास प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। दोनों पुत्रियां विवाहित / अविवाहित वर्तमान समय में मुख्य चिकित्सालय संत कबीर नगर में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत है। चोरी के पर्दाफाश को करने के लिए एसओजी टीम को कार्य सौंपा गया था तथा चोरी की विवेचना अधिकारी नवीन मंडी के चौकी प्रभारी अनिरुद्ध सिंह को बनाया गया ।
परिजनों के अनुसार विवेचना के दौरान नामजद अभियुक्त को 2 दिन पूछताछ के लिए कोतवाली में रखा गया उसके बाद उसे छोड़ दिया गया उसके बाद ना तो उन लोगों से और ना ही उनके परिवार के किसी सदस्य व रिश्तेदारों से दोबारा पूछताछ किया गया। जबकि पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों को कोतवाली बार बार बुला कर पूछताछ किया, पीड़ित परिवार चोरी के पर्दाफाश को लेकर सवालों के जवाब में विवेचक अधिकारी का कहना था कि इस चोरी में कोई अपना है।
पीड़ित का कहना था कि अगर कोई अपना ही है तो आप उसका पर्दाफाश क्यों नहीं कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों का संदेह करना चोरी की रात गर्मी के महीने में 8:30 बजे के लगभग तक हो चुकी थी ।16 जून 2021 को छत के रास्ते लकड़ी का दरवाजा तोड़कर चोर घर के अंदर दाखिल हुआ । (1) पडोसी का घर छत का सटा होना प्रार्थी के घर में पड़ोसी के घर का सब्बल (खंती) मिलना। *(2)* 16 जून के पहले बारिश 16 जून को बारिश लेकिन घर में चोरों के कीचड़ से सने जूते चप्पल पैरो का निशान क्यों नहीं पाया गया *(3)* घर आगे पीछे पुलिस के ढूंढने पर जूते चप्पल पैरो के निशान क्यों नहीं मिले। *(4 )* करीब 25 लाख जेवरात 78 हजार नगद पाने के बाद हजारों रुपए के फुटकर सिक्के बेड पर जहां सारे सामान को इकट्ठा करके खंगाला गया था उसे छोड़कर करीब छोटी बोरी में भरा 30 कि0 गेहूं , छोटी बोरी में भरा करीब 25 किलो सरसों कहां गायब हो गए। “(5)* घर के पिछवाड़े जेवरात के छोटे-छोटे बैग जिसमें छोटे-छोटे जेवरात रखे जाते हैं उनका मिलना कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस तरह भैंस चोरी में चोरो द्वारा भैंस कहीं और गले की घंटी कहीं और बजाई जा रही हो।
परिजनो का संदेह एक घर के ऊपर और है उस घर से एक व्यक्ति का पीड़ित के घर आना जाना बराबर था और वह के अंदर तक बिना कोई रोक-टोक के आता जाता था। उस घर से वह व्यक्ति स्वर्गीय रामनिवास के ब्रह्मभोज गांव में शामिल था परंतु उसके घर का एक सदस्य पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति के मोबाइल पर फोन करके पल-पल की खबर ले रहा था। यह सब बातें पुलिस विवेचना की कार्रवाई है, सूत्रों की माने तो विवेचक अधिकारी द्वारा घटना से 3 महीने बाद कोई पर्दाफाश ना करके एफआर लगाकर फाइल को बंद कर दिया गया था पुनः एसपी के आदेश पर विवेचक अधिकारी से फाइल को लेकर पुन: जांच के लिए एसओजी टीम को कार्यभार सौपा गया है ।