पंजाब । पटियाला में शुक्रवार को खालिस्तान विरोधी मार्च में हुई हिंसा के अगले दिन सरकार ने पटियाला के IG राकेश अग्रवाल और SSP नानक सिंह को हटा दिया है। अब मुखविंदर सिंह छीना नए IG और दीपक पारिख नए SSP होंगे। सिटी SP को हटाकर वजीर सिंह खैहरा को लाया गया है। DSP अशोक कुमार को भी हटा दिया गया है।
वहीं पटियाला हिंसा के विरोध में गुरदासपुर के धारीवाल में बंद की कॉल देने वाले शिवसेना यूथ विंग के प्रधान हनी महाजन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पटियाला से सटे जिले फतेहगढ़ साहिब में भी पुलिस ने हालात को देखते हुए धारा 144 लागू करने की सिफारिश कर दी है।
हिंसा पर पहली बार बोले CM मान, समुदाय नहीं, भाजपा और अकाली दल का टकराव
CM भगवंत मान ने कहा कि इस मामले में केस दर्ज हो चुका है। कुछ लोग अरेस्ट हुए हैं। हिंसा में भाजपा और शिवसेना के लोग थे। दूसरी तरफ अकाली दल के लोग थे। यह दो राजनीतिक दलों का टकराव था, इसे किसी धर्म या समुदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच हो रही है, जल्द ही सब सबके सामने आएगा। पंजाब में आप की सरकार की लोकप्रियता से घबराकर विपक्षी दलों ने यह सब किया। मान ने हिंसा के दिन ही भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के काली माता मंदिर जाने पर भी सवाल खड़े किए।
मंदिर में तलवारें किसने चलाई? : BJP
भाजपा के प्रदेश महासचिव अनील सरीन ने कहा कि आप की सरकार आने के बाद आतंकवादी ताकतें मुखर हो गई हैं। जिस हरीश सिंगला ने मार्च निकालना था, वह काली माता मंदिर के आसपास भी नहीं था। फिर मंदिर में तलवारें किसने चलाई?। सीएम मान को इसका जवाब देना चाहिए।
मान सरकार फेल हुई : अकाली दल
अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. चरणजीत बराड़ ने कहा कि आम आदमी पार्टी वालों से हालात संभल नहीं रहे और विपक्षी दलों पर आरोप लगा रहे हैं। पटियाला में हुई घटना में मान सरकार पूरी तरह फेल रही है। एक हफ्ते से यह बातें सोशल मीडिया पर थी। अफसरों को भी पता था, फिर इसे रोकने के लिए कोई कोशिश क्यों नहीं की गई?।
पंजाब के DGP से भी नाराज CM भगवंत मान
पटियाला हिंसा के बाद CM भगवंत मान ने चीफ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी और DGP वीके भावरा की अगुआई में अफसरों को तलब किया था। उन्होंने DGP वीके भावरा पर भी नाराजगी जताई और जिम्मेदार अफसरों पर हाई लेवल इंक्वायरी के आदेश दिए। इसमें पुलिस और प्रशासन की लापरवाही की जांच होगी।
हफ्तेभर से थे टकराव के हालात, पर पुलिस नहीं जागी
जानकारी के मुताबिक, एक हफ्ते से टकराव के हालात थे। इसके बावजूद पुलिस ने इसे रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए। इस बारे में इंटेलिजेंस विंग ने पुलिस को इनपुट भी दिए थे, लेकिन पुलिस अफसरों ने इन्हें हल्के में लिया और हालात काबू से बाहर हो गए।
हिंदू संगठनों का पटियाला बंद आज, पंजाब में अलर्ट
इधर, हिंदू संगठनों ने काली माता मंदिर पर हमले के आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज पटियाला में बंद कॉल किया है। हालात बिगड़ने की आशंका के चलते प्रशासन ने आज सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 6 बजे तक शहर में इंटरनेट और SMS सेवाएं बंद कर दी हैं। डोंगल से भी इंटनरेट नहीं चलेगा। पटियाला में सुरक्षा के लिए डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है।
शहर में शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक कर्फ्यू भी लगाया गया था। पूरे पंजाब में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस बीच हिंदू संगठनों ने काली माता मंदिर के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया। पटियाला के एसएसपी और डीसी ने उन्हें भरोसा दिया कि 2 दिन के भीतर मंदिर पर हमला करने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इसके बाद हिंदू संगठनों ने धरना खत्म कर दिया है। हालांकि अभी भी वह काली माता मंदिर के बाहर जमा हैं। काली माता मंदिर को जाने वाली सड़क सील कर दी गई है। शहर को बाहर से सील कर दिया है। जिस वजह से अंदर कर्फ्यू जैसे हालात नजर आ रहे हैं।
काली मंदिर पर जमा हुए हिंदू संगठन
हिंदू तख्त और शिवसेना हिंदुस्तान की अगुआई में शनिवार सुबह ही कई हिंदू संगठन काली माता मंदिर में इकट्ठा हो गए। सभी रोष मार्च निकालने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद उन्होंने काली माता मंदिर के पास ही प्रदर्शन किया।
मार्च की अगुआई करने वाले हरीश सिंगला गिरफ्तार
पुलिस ने देर रात शिवसेना (बाल ठाकरे) नेता हरीश सिंगला को गिरफ्तार कर लिया। सिंगला ही इस खालिस्तान विरोधी मार्च की अगुआई कर रहे थे। इधर, शिवसेना ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। देर शाम काली माता मंदिर में हिंदू संगठनों की मीटिंग बुलाई गई थी। सिंगला वहां पहुंचे, तो बहस के बाद उनके साथ मारपीट की गई। उनकी गाड़ी भी तोड़ दी गई। सिंगला के बेटे के साथ भी लोगों ने मारपीट की थी।
पटियाला में कल हुई फायरिंग, पत्थर और तलवारें चलीं
सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत पन्नू के विरोध में शुक्रवार को पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च निकाला जाना था। जैसे ही मार्च का पता चला, तो सिख संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद शिवसेना और सिख संगठनों के बीच पत्थरबाजी हुई और तलवारें भी लहराई गईं। हालात इतने बिगड़े की एक SHO का हाथ जख्मी हो गया। जिसके बाद वहां पहुंचे SSP नानक सिंह ने हवाई फायरिंग कर हालात संभाले थे। देर शाम को जिला मजिस्ट्रेट ने रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान कर दिया था।