लखनऊ: मिलेट्स महोत्सव 2023 कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण योजनान्तर्गत अरोड़ा रिसोर्ट, कब्बाखेड़ा में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोक्लाइमेटिक जोन/विराट किसान मेला/प्रदर्शनी के समापन समारोह में उप मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार, केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर अरोड़ा रिसोर्ट में आयोजित विकास प्रदर्शनी में बाल विकास एवं पुष्टाहार, वैकल्पिक ऊर्जा (नेडा), खादी ग्रामोद्योग, इफको, सामाजिक वानिकी, मंडी समिति, कृषि विज्ञान केंद्र धौरा, मत्स्य विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन, कृषक उत्पादक संगठन, फसल बीमा, यूपी डॉस्प, भूमि संरक्षण, कृषक पंजीकरण, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लघु सिंचाई, पंचायती राज, एरीज एग्रो लिमिटेड, जिला अग्रणी बैंक, आदि द्वारा विभागीय स्टॉल लगाकर कृषक बन्धुओं को लाभान्वित किया गया। उप मुख्यमंत्री द्वारा विभागीय स्टाॅलों का निरीक्षण करते हुए फार्म मशीनरी बैंक योजना के 03 लाभार्थियों को ट्रैक्टर की चाभियां सौंपी गयीं तथा बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया।
रिसोर्ट के सभागार में उपस्थित किसान बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलेट्स को हमारे देश में पहले गरीबों एवं किसानों का भोजन माना जाता था। आज पूरी दुनियां में मिलेट्स (श्री अन्न) से बने भोजन की चर्चा हो रही है तथा बड़े-बड़े होटलों में मिलेट्स के भोजन उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया है कि हमारा देश मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इस बजट सत्र में प्रधान मंत्री द्वारा मिलेट्स को श्री अन्न का नाम दिया गया है। मिलेट्स का पौधा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने तथा पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु कारगर है।
अन्र्तराष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में प्रधान मंत्री द्वारा डाक टिकट तथा 75 रू0 का विशेष सिक्का जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि मिलेट्स व्यक्ति के स्वास्थ्य, किसान की समृद्धि एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए बहुत जरूरी हैं। इन्हें भोजन में अनिवार्य रूप से शामिल करें। मिलेट्स के अन्तर्गत राजगीरा, सनवा, कुटू, रागी, कांगनी, कोदो, सांवा, बाजरा, चना, ज्वार आदि फसलें आती हैं। इनके उत्पादन एवं विपणन के पर्याप्त अवसरों के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं । उन्होेंने बताया कि जनपद उन्नाव में 05 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है और विभिन्न जन कल्याण कारी योजनाओं में डीबीटी के माध्यम से सरकार के शतप्रतिशत पैसे को लाभार्थियों तक पहॅुचाया जा रहा है।