– आईएचआईपी पोर्टल पर दर्ज करेंगी विभिन्न रोगों के लक्षणों को
– इन्हीं लक्षणों के आधार पर सक्रिय होगी रैपिड रिस्पांस टीमें
संतकबीरनगर ।
संक्रामक रोगों की निगरानी के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म ( आईएचआईपी ) पोर्टल के संचालन के बारे में जिले की एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। ताकि संक्रामक रोगों के विस्तार को रोका जा सके। अपने कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गावों व क्षेत्रों से फ्रंटलाइन वर्कर्स के द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं को ये आईएचआईपी पोर्टल पर दर्ज करेंगी। जिसके आधार पर जिला और ब्लाक लेबल पर बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीमें सक्रिय होंगी।
सीएमओ कार्यालय के सभागार में जिले की एएनएम को पोर्टल में संक्रामक रोगों की सूचनाएं भरने के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने कहा कि क्षेत्र विशेष में किसी भी प्रकार के संक्रामक रोगों से ग्रसित कोई भी व्यक्ति पाया जाता है, या फिर इन बीमारियों के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरन्त ही इस पोर्टल पर फीडिंग की जाएगी। इससे रोगों के पहचान में आसानी के साथ ही क्षेत्र विशेष में टीमों को भेजकर त्वरित निरोधात्मक कार्यवाही कराई जा सकेगी।
इस दौरान जिले के इपिडेमियोलाजिस्ट ( महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने कहा कि सभी एएनएम अपने फ्रण्ट लाइन वर्कर्स के जरिए निरन्तर फीडबैक लें साथ ही उसे पोर्टल में अंकित भी करें। ताकि इस बात की जानकारी तुरन्त ही जिला और ब्लाक स्तर पर हो सके और रैपिड रिस्पांस टीमों के साथ ही क्षेत्र के चिकित्साधिकारी भी मौके पर पहुंच सकें। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि सभी एएनएम को जो टैबलेट पूर्व में दिया गया है, उसका आईडी और पासवर्ड भी उन्हें दिया गया है। इसी आईडी और पासवर्ड के जरिए आईएचआईपी पोर्टल पर भी जानकारी फीड करके रिपोर्टिंग की जाएगी।
*क्या है शासन की मंशा*
एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा ने बताया कि शासन की मंशा है कि अचानक किसी क्षेत्र में डिप्थीरिया, परट्यूसिस, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षणों से पीडि़त मरीज आते हैं तो इसकी सूचना जिले से लेकर प्रदेश तक के विशेषज्ञों को प्राप्त हो जाए। इसके बाद उस क्षेत्र में त्वरित कार्यवाही की जा सके।
*ये सूचनाएं दर्ज होंगी पोर्टल में*
बुखार, बुखार के साथ खांसी, दो हफ्ते से कम बुखार, दो हफ्ते से अधिक बुखार, डिहाइड्रेशन के साथ दस्त, बिना डिहाइड्रेशन के साथ दस्त, पीलिया, बुखार के साथ चकत्ता, बुखार के साथ बेहोशी, बुखार के साथ नाक से खून आना आदि अन्य बीमारियां हैं।
*अनमोल ऐप के साथ ही होगा यह काम*
एएनएम को जो टैबलेट दिए गए हैं, उसी टैबलेट में उन्हें आईएचआईपी पोर्टल खोलना होगा। इस पोर्टल का पासवर्ड और यूजर नेम वहीं होगा जो टैबलेट का होगा। उसी पासवर्ड के आधार पर सारी सूचनाएं भरी जाएंगी। इनही सूचनाओं को राष्ट्रीय स्तर तक देखा जाएगा। इसी के आधार पर उपकेन्द्र लेबल से लेकर राष्ट्रीय लेबल तक की समीक्षाएं भी की जाएंगी।