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बड़ी खबर: असम में मुस्लिम विवाह और तलाक कानून निरस्त

Assam Muslim marriage and divorce law repealed: आजाद भारत में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर कानून पारित करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। 7 फरवरी को उत्तराखंड सरकार ने इसे पारित किया था। अब असम ने इसी तरह के कानून की दिशा में अपना पहला कदम उठाया है। असम की हिमंता बिस्वा शर्मा सरकार ने मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को रद्द करने का फैसला किया है।

अब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत निस्तारित होंगे मामले

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शुक्रवार को असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि अधिनियम को रद्द करने का फैसला कैबिनेट ने लिया है। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण से जुड़े सभी मामलों का स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत निस्तारण होगा। सूत्रों ने कहा कि एक विधेयक असम विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना है। विधानसभा सत्र 28 फरवरी तक चलने वाला है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कई बार कहा है कि असम समान नागरिक संहिता पर कानून लाने की योजना बना रहा है।

बरुआ ने कहा कि असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया जाएगा और कोई भी मुस्लिम विवाह या तलाक अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं किया जाएगा। हम चाहते हैं कि ऐसे सभी मामले विशेष विवाह अधिनियम के तहत हों। इस फैसले से बाल विवाह को कम करने में भी मदद मिलेगी।

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