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दिल्ली ।
बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) बहुमत से पारित हो गया है. जैसे ही राज्यसभा में विधेयक पारित हुआ वैसे ही मुंबई के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी अब्दुल रहमान ने इस बिल के विरोध में इस्तीफा दे दिया और इस्तीफा देकर भारत के न्याय प्रिय लोगों की आत्मा को झकझोरा है और यह संदेश दिया है कि-
*उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है*
अगर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है”
बता दें राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में कुल 230 वोट पड़े, जिसमें पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े. गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे. आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने ट्वीट करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संविधान की मूल विशेषता के विरुद्ध है. मैं इस विधेयक की निंदा करता हूं. रहमान ने कल से कार्यालय में उपस्थित नहीं होने का फैसला किया . उन्होंने कहा मैं आखिरकार सेवा छोड़ रहा हूं.।
अब्दुर रहमान ने आगे लिखा, “यह विधेयक संविधान के खिलाफ है. मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें. यह संविधान की बहुत मूल विशेषता के खिलाफ है. बता दें ।
नागरिकता संशोधन बिल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) प्राप्त करने की छूट देता है. लेकिन मुसलमानो को नहीं ।
बताया जाता है कि उन्होंने पूर्व में भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी और सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ कोई जांच भी चल रही है बहर हाल आईजी पुलिस अब्दुर रहमान खान ने इस्तीफा देकर नागरिकता संशोधन हर एक ओर नया विवाद खड़ा कर दिया है हालांकि अब्दुल रहमान खान के इस्तीफे से नागरिकता संशोधन के पास होने में कोई अड़ंगा नहीं लगने वाला क्योंकि बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो चुका है लेकिन फिर भी खान का इस्तीफा एक नई बहस को जन्म दे सकता है एक नए विवाद को हवा दे सकता है एक नया बवाल खड़ा कर सकता है ।