संत कबीर नगर । बताया जाता है कि जगदीशपुर उर्फ लहुरादेवा दुनिया के सबसे प्राचीन धान उत्पादक क्षेत्र है चिन्हित की जमीन पर दुनियां का सबसे प्राचीन मंदिर है। जहां आज डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी समाजसेवी ,भावी जिला अध्यक्ष खलीलाबाद के बलराम यादव संग अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर, महाशिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर पर दर्शन व मत्था टेका,
मंदिर के व्यवस्थापक ने बताया कि, इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ ,शास्त्रों की माने तो महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव करोड़ों सूर्य एक्स के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट होते हैं ।इसके बाद हर साल फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। हम ग्रामवासी इस दिन मंदिर पर बड़ी धूमधाम से भगवान शिव का शादी बारात निकालते हैं और प्रसाद स्वरूप ग्रामवासी भोजन मंदिर पर करते हैं मुख्य अतिथि डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी समाजसेवी ने मंदिर के व्यवस्थापक को 11हजार रुपए का सहयोग दिया।
क्यों दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर माना गया है जगदीशपुर उर्फ लहूरादेवा
इस जिले का जगदीशपुर उर्फ लहुरादेवा गांव दुनिया का सबसे प्राचीन धान उत्पादक क्षेत्र है यहां पर 6000 ईसवी पूर्व कल्टीवेटेड तरीके से धान की खेती होती थी यह बात देश विदेश में हुए अन्य सेमिनार ओं में प्रमाणित हो चुकी है।(मंदिर )टिले पर उत्खनन कराया था उत्खनन के उपरांत यहां पर पत्थर का कोयला ,मृतभांड व हालत जाब पर्याप्त मात्रा में चावल मिला। पुरातत्वविंदे का मत है कि ए चावल बोए गए धान का है अर्थात उस समय यहां के लोग धान की खेती करते थे। इस नीमित लखनऊ दिल्ली व जापान में हुए सेमिनार ओं में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी की लहुरादेवा क्षेत्र में सबसे प्राचीन काल से धान की खेती हो रही है उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग के प्रयोगशाला में इसकी पुष्टि होने के बाद स्थान राष्ट्रीय महत्त्व का हो गया है