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संतकबीरनगरस्वास्थ्य

डॉ नीलम सिंह की देखरेख में, एनीमिया से पीड़ित महिला ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म

डॉ नीलम, स्‍त्री रोग विशेषज्ञ, जिन्‍होने कराया सुरक्षित प्रसव

  • एनीमिया से जूझ रही महिला का कराया सुरक्षित प्रसव
  • दो बार चढ़ाया गया आयरन शुक्रोज, हुई सिजेरियन डिलिवरी
  • जच्‍चा के साथ ही जुडवाबच्‍चे भी हैं पूरी तरह से  स्‍वस्‍थ

संतकबीरनगर । सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद में एनीमिया से जूझ रही 28 वर्षीया गर्भवती का सुरक्षित प्रसव वहां की चिकित्‍सक डॉ नीलम सिंह ने कराया। प्रसव की जटिलता को देखते हुए आपरेशन करना पड़ा , जिसके बाद जुड्वा बच्‍चे पैदा हुए। जच्‍चा बच्‍चा दोनों ही पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं तथा बाल रोग विशेषज्ञ उनकी निगरानी कर रहे हैं।

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बस्‍ती जनपद के मुंडेरवा क्षेत्र के बोदवल गांव के अरविन्‍द की 28 साल की पत्‍नी अंगीता गर्भवती थी। उसका मायका खलीलाबाद ब्‍लाक के शिवापार अतरौरा में है। जब वह गर्भवती हुई तो अपने मायके चली आयी। मायके में आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी उसे पांच महीने पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद ले आई तथा स्‍त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीलम सिंह को दिखाया। अल्‍ट्रासाउण्‍ड के दौरान यह पता चला कि उसके गर्भ में दो शिशु पल रहे हैं। इसके बाद उसकी नियमित डाइट बनायी गयी। उसको भोजन में बेहतर चीजों को लेने के लिए कहा गया। नतीजा यह हुआ कि उसका स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहा। नौवे महीने में अचानक उसको एनीमिया की समस्‍या हो गयी। इसे दूर करने के लिए दो बार आयरन शुक्रोज चढ़ाया गया। समय पूरा होने के बाद जब सामान्‍य डिलिवरी नहीं हुई तो उसका प्रसव के जरिए आपरेशन किया गया। वर्तमान में दोनों बच्‍चों के साथ महिला भी पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है। दोनो लड़के हैं। महिला के परिजनों के सहयोग से उसकी नसबन्‍दी भी कर दी गयी ।

जटिलता को दूर कर कराया गया प्रसव

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डॉ नीलम सिंह बताती हैं कि 28 साल की अंगीता के अल्‍ट्रासाउंड में पता चला कि उसके गर्भ में दो बच्‍चे हैं। इसके बाद उसकी नियमित तौर पर जांच कराई जा रही थी। बीच में उसको रक्‍त अल्‍पता की शिकायत हो गयी। इसके बाद उसे मेंटेन करने के लिए आयरन युक्‍त भोजन के साथ ही दो बार आयरन शुक्रोंज चढ़ाया गया। जब रक्‍त का स्‍तर ठीक हो गया तब उसका आपरेशन किया गया। दोनों शिशुओं का वजन क्रमश: 2.380 किलोग्रामऔर 1.9 किलोग्रामहै। बाल रोग विशेषज्ञ से भी उसकी जांच कराई गयी, दोनों पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं। प्रसव जटिल था लेकिन परिवार के लोगों के साथ ही स्‍टाफ ने पूरे धैर्य का परिचय दिया, नतीजा यह हुआ कि जच्‍चा बच्‍चा दोनेां ही स्‍वस्‍थ हैं।

आशा कार्यकर्ता शुरु से ही कर रही थीं निगरानी

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अतरौरा गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी शुरुआती दौर से ही इस महिला की निगरानी कर रही थीं। उसके ही प्रयासों से अंगीता के परिजन लगातार सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद में डॉ नीलम सिंह की निगरानी में उसका इलाज करा रहे थे। अंगीता बताती हैं कि जब वह आशा कार्यकर्ता से कहती थीं तब वह तैयार होकर तुरन्‍त उसके साथ पहुंच जाती थीं और उसका इलाज करवाती थीं।

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