संतकबीरनगर

सरकार दे रही मजदूरी इतनी कम कि, शहरों की तरफ पलायन कर हैं मनरेगा मजदूर

संतकबीरनगर । भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं में एक योजना महात्मा गांघी रोजगार गारंटी योजना जो अब मजदूरों की तरफ मुँह चिढ़ाती नजर आ रही है ।

बात हो रही है 213 रुपये मनरेगा मजदूरी की, जहां सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है, वहीं मनरेगा मजदूरी ऐसी है जो मजदूरों को अपना गांव घर छोड़ कर पलायन होने को मजबूर कर दिया है,

Advertisement

इस समय महगाई इतनी बढ़ चुकी है कि अच्छे अच्छे लोगों के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है ,वहीं मनरेगा मजदूरी की बात की जाय तो 213 रुपये है जो आम मजदूरी 500 रुपये से बहुत ही नीचे है, तो मजदूर गांव में काम क्यों करे,। वैसे भी सरकार ने एक नया नियम लाया है कि मनरेगा मजदूरों की हाजिरी कार्य स्थल पर ही दिन में दो बार होगी ,इस नियम के आने से काफी ऐसे गांव हैं जहां नेट नहीं चलता जिससे पसीना बहाने वाले मजदुरों की मजदूरी भी नहीं चढ़ पा रही है,
जैसा कि योजना के नाम से ही जानकारी मिलती है कि रोजगार की गारंटी है, लेकिन बहुत सारे गांव ऐसे भी हैं जहां 100 दिन का मनरेगा मजदूरों को मुहैया नहीं हो पाता है,

अब बचा खुचा मामला ये है कि जब शहर में मजदूरी 500 से 600 रुपए चल रही है,तो गांव का मजदूर गांव में मजदूरी क्यों करे, लेकिन फिर भी अभी बहुत ऐसे मनरेगा मजदूर हैं जो मनरेगा को बचाए हुए हैं, वरना सरकार के नियम पर तो एक भी मजदूर काम न करें ।

Advertisement

अब बात आती है गांव के विकास की, तो जब मनरेगा मजदूर मिलेंगे ही नहीं तो काम कैसे और कौन करेगा,चर्चाओं पर विश्वास किया जाय तो पता चलता है कि ग्राम प्रधान मजबूरी में 400 से 500 देकर मजदूरी करवाते हैं, तब जाकर कुछ काम हो पाता है ।
लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ग्राम प्रधानों को तब होती है ग्राम प्रधान मनरेगा मजदूरों से मजदूरी न करवा कर बाहर के मजदूरों से 500 रुपये मजदूरी देकर गांव का विकास करवाता है, तब उसकी शिकायत होने लगती है,की मनरेगा के मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है,

इन सब परेशानियों को देखते हुए जिले के ग्राम प्राधान लामबंद हो रहे हैं, जो संगठन के माध्यम से अभी जिले स्तर के अधिकारियों के पास अपनी मांगों को रख रहे हैं, अगर इनके माध्यम से दुष्वारियां दूर नहीं हुई तो प्रधान संघ प्रदेश सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार तक अपनी आवाज बुलंद करने जाएंगे, और मजदूरों की मजदूरी तथा अन्य मांगों को मनवाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे ।

Advertisement

Related posts

झिंगुरापार के ग्राम प्रधान ने खलिहान और रास्ते पर हुए अतिक्रमण को खाली कराने के लिए तहसील दिवस में दिया शिकायती पत्र

Sayeed Pathan

अच्छे कप्तान की अच्छी पहल, पुलिस चौकियों और थानों पर आने जाने वाले फरियादियों के लिए, की गई गुड़ और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था

Sayeed Pathan

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने, मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान को सफल बनाने हेतु, रूपरेखा के संदर्भ में की समीक्षा बैठक

Sayeed Pathan

एक टिप्पणी छोड़ दो

error: Content is protected !!