- निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद को लेकर पार्टियों के द्वारा प्रत्याशियों की अदला-बदली को लेकर आम जनमानस गंभीर
संत कबीर नगर । जनपद में अध्यक्ष पद के लिए हो रहे नगर निकाय चुनाव में पार्टियों द्वारा प्रत्याशी बदलने की प्रक्रिया को लेकर आम जनमानस में काफी गंभीर गहन मंथन चल रहा है, विगत 2 दिन पहले समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अब्दुल कलाम ने जगत जयसवाल के नाम पर मोहर लगाई थी आज 24 अप्रैल 2023 को पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया जगत जयसवाल के स्थान पर पवन छाबड़िया को अध्यक्ष पद का दावेदार बना दिया, जिसको लेकर जनपद में काफी चर्चाएं हो रही हैं,
सूत्रों के अनुसार यहां तक कहां जा रहा है कि सब रुपए पैसे का खेल हो रहा है, वही ये राजनीतिक पुरोधाओ द्वारा उस गाने को चरितार्थ कर रहे हैं कि ,,ना बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया,, रुपया है तो सब कुछ जायज है राजनीत में, खेल बनते बिगड़ते रहते हैं जिस तरह से जनता को राजनीतिक गणों द्वारा मूर्ख बनाया जाता रहा है और बनाया जा रहा है बनाया जाता रहेगा भी, राजनीति का एक घिनौना रूप यह भी सामने आ गया है कि कभी कोई सपा में फिर वही बसपा में फिर वही अन्य पार्टियों में, जिस पार्टी में रहते हैं उसका गुणगान करते हैं जिस पार्टी में स्थान नहीं मिलता उस पार्टी में लाखों बुराई है फिर काम न बनने पर दोबारा मौका मिलने पर अगले दिन उसी पार्टी का गुणगान करना, आम जनमानस ऐसे राजनीतिक चालों को भलीभांति अब समझने लगा है कि प्रत्याशी क्यों बदला जाता है।
वैसे तो नवागत समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पर्चा दाखिला करने के पहले ही भाजपा के प्रत्याशी तथा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर वर्मा से गले मिलकर भाई भाई की दुहाई देते हुए गले मिलकर यह साबित कर दिया गया है कि—-चुनाव प्रक्रिया के नामांकन के अंतिम दौर में प्रत्याशियों का चयन अपने आप में कहीं ना कहीं एक सवालिया निशान खड़ा कर जाता है पार्टी के ऊपर, आम जनमानस यह सब देख कर दुखी हो जाता है कि आज राजनीतिक पार्टियों का खेल और लालच सिर्फ कुर्सी तक सीमित रह गया है आम जन समस्याओं से उनका कोई लेना देना नहीं है।