Advertisement
दिल्ली एन सी आरराष्ट्रीय

देश भर में फंसे लोगों को लाने-ले जाने के लिए गृह मंत्रालय ने जारी किया ये गाइड लाइन

नई दिल्ली ।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें। यानी, अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा।

बहरहाल, गृह मंत्रालय ने राज्यों को फंसे लोगों को लाने और ले जाने की व्यस्था के लिए कुछ गाइडलाइंस भी जारी किया है। इसके मुताबिक…

Advertisement

1. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे और फिर ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटीज एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।

2. जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी।

Advertisement

3. लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा।

4. कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।

Advertisement

5. डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी। बाहर से आए लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में ही रहना होगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। उनकी समय-समय पर जांच होती रहेगी।

6. ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।

Advertisement

लॉकडाउन से देशभर में फंसे लोग
गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में मजदूर, विद्यार्थी, पर्यटक, मरीज और उनके परिजन आदि फंस गए। कामकाज ठप हो जाने के कारण आमदनी रुक गई और मजदूरों को रहने-खाने की चिंता सताने लगी। तभी दिल्ली और आसपास के इलाकों से हजारों मजदूरों ने पैदल ही सैकड़ों किमी दूर अपने-अपने घरों को पलायन कर दिया। फिर लॉकडाउन की मियाद बढ़ाकर 3 मई करने की घोषणा हुई तो हजारों मजदूर मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास जुट गए। अफवाह फैली थी कि बांद्रा से मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें खुलने वाली हैं।

Advertisement

खत्म हुई जायज-नाजायज की बहस
फिर, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में फंसे अपने प्रदेश के विद्यार्थियों विशेष बस से निकाला तो इस पर राजनीति होने लगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लॉकडाउन का घोर उल्लंघन बताया। हालांकि, उन्हें बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिला। फिर महाराष्ट्र के मुख्यंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कोटा से अपने प्रदेश के विद्यार्थियों को मंगाया। ऐसे में फंसे लोगों को निकालने पर बहस गहरी होने लगी थी। अब केंद्र सरकार ने इस बहस पर विराम लगा दिया

 

Advertisement

Sabhar NBT

Advertisement

Related posts

80 पिल्लों के क़ातिल दो बंदरों को, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने किया अरेस्ट

Sayeed Pathan

अफगानिस्तान में अब महिलाओं को बुर्खा पहनना अनिवार्य नहीं

Sayeed Pathan

सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया को दिया आदेश,कहा 10 दिनों बाद नहीं बुक होगी मिडिल सीट

Sayeed Pathan
error: Content is protected !!