मबंडाका : पूरी दूनिया में जहां कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा कर रख दिया है। वहीं अफ्रीका में कोरोना संक्रमण के डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और करीब 6000 लोग इस संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं। वहीं खसरा महामारी की मार झेल रहे अफ्रीका में अब इबोला वायरस की भी वापसी होती नज़र आ रही है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो (DRC) में इबोला वायरस के नए मामले सामने आए हैं। इस बार इबोला के नए केस जहां मिले हैं और ये बीमारी जहां फैली थी उससे एक हज़ार से अधिक किलोमीटर दूर मिले हैं और ये नया क्लस्टर होने की आशंका जाहिर की गई है।
कांगो के स्वास्थ्य मंत्री इटेनी लोंगोंडो ने बताया कि पश्चिमी शहर म्बानडाका में इबोला वायरस से 5 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा है कि प्रभावित क्षेत्र की लिए डॉक्टर और दवाइयां रवाना किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, कांगो के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि पश्चिमी शहर मबंडाका में इबोला वायरस के छह नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 5 मरीजों की मौत हो गई है। बता दें कि साल 2018 के बाद यह दूसरी बार है जब कांगो में इबोला वायरस के नए मामले सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इबोला वायरस के मामलों की जानकारी दी है। हालांकि जिस शहर में इबोला वायरस के मामले सामने आए हैं, वहां कोरोना वायरस का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि पूरे कांगो में कोरोना के अब तक करीब 3,000 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना और इबोला का आपस में कोई संबंध नहीं है।
इबोला अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन वाले इलाके की क्षेत्रीय बीमारी है, जो इससे संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर फैलती है। इसके लक्षणों में शुरू में अचानक बुखार, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश होती है।
इसके बाद उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव होता है। अधिक रक्तस्राव से मौत होने का खतरा रहता है। मनुष्यों में इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण आदि के सीधे संपर्क में आने से होता है।
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साभार (उत्तम हिन्दू न्यूज)