- परिजनों की मांग- बेटे संजीत की लाश दिलाई जाए
- लैब टेक्नीशियन का 22 जून को हुआ था अपहरण
- पुलिस के सामने दी गई थी 30 लाख की फिरौती
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में संजीत यादव अपहरण के बाद हत्या के मामले में सीबीआई की जांच शुरू नहीं होने से नाराज परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए पैदल ही कूच कर दिया. हालांकि रास्ते में कानपुर के नौबस्ता चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए निकले संजीय यादव के परिजनों को पुलिस ने रास्ते पर ही रोक लिया जिससे नाराज मां, बहन, और पिता समेत दूसरे अन्य साथी-संबंधी वहीं सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.
परिजन बार-बार यही मांग कर रहे हैं कि उन्हें उनके बेटे की लाश दिला दी जाए. परिवारवालों का यह भी आरोप है कि सरकार ने अभी तक उनकी कोई भी मांग नहीं मानी है. मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से परिजनों को शांत कराया.
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जांच अभी तक शुरू नहीं
इस मामले में यूपी सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद भी जांच अभी तक शुरू नहीं हुई है. संजीत के परिजनों की मांग है कि तत्कालीन बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय और पूर्व चौकी इंचार्ज राजेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इनकी गिरफ्तारी की जाए.
इस अपहरण कांड के एक महीने बाद पुलिस ने 21 जुलाई को संजीत के 2 दोस्तों को पकड़कर खुलासा किया था, लेकिन पुलिस न तो अभी तक पांडु नदी से संजीत का शव बरामद कर सकी, न ही आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत जुटा सकी है.
दरअसल, पेशे से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हो गया था. 29 जून को उसके परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया जिसमें 30 लाख रुपये फिरौती के रूप में मांगी गई थी.
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अब तक नहीं मिली लाश
परिवारवालों ने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपये की फिरौती दी थी, जिसके बाद पुलिस ना तो पैसे बरामद कर पाई और ना ही अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई. बाद में तमाम कोशिशों के बाद संजीत यादव के शव को भी अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है.
इस बीच संजीत के परिजन कई बार कानपुर पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं. फिर भी उनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. इस सब शिकायतों को लेकर परिजन मुख्यमंत्री से मिलने निकल पड़े.