नयी दिल्ली। सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी । मंत्रिमंडल द्वारा ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना“ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्तीकरण को मंज़ूरी दी गई ।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के मेल से ”सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना“ के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्तिकरण को मंज़ूरी प्रदान की।
योजना का ‘प्रोफेशनल’ तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्न राज्यों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट, इस योजना की विभिन्न क्षेत्रीय आवश्यकताओं के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्यापी कार्यान्वयन में शामिल किया जाएगा।
मंज़ूर व्यय और निर्धारित लक्ष्यों के भीतर चुने गए ‘वायबल’ प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पीएसीएस) में कृषि और संबंधित उद्देश्यों के लिए गोदाम आदि के निर्माण के माध्यम से ‘सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना‘ के लिए संबंधित मंत्रालयों की योजनाओं के दिशानिर्देशों/कार्यान्वयन पद्धतियों में आवश्यकता के अनुसार संशोधन करने के लिए सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा जिसमें कृषि और किसान कल्याण मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्य के रूप में शामिल होंगे।