आलेख-मोहम्मद सईद पठान
संपादकीय विश्व साक्षरता दिवस ।।
साक्षरता, मानव समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है, और इसे मनाने वाले विश्व साक्षरता दिवस (International Literacy Day) का आयोजन प्रतिवर्ष 8 सितंबर को किया जाता है। इस दिन कई देशों में विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों का आयोजन होता है, जिनका मुख्य उद्देश्य साक्षरता को बढ़ावा देना है।
साक्षरता का मतलब होता है कि व्यक्ति तथा समुदाय अच्छी तरीके से पढ़ा और लिखा हो, साक्षरता मानव समाज के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक स्वतंत्र और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है और व्यक्तिगत और सामाजिक सुधार की संभावना को बढ़ाता है।
विश्व साक्षरता दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, वैज्ञानिक, और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा किया जाता है, और इसका मुख्य उद्देश्य साक्षरता को प्रोत्साहित करना है। विश्व साक्षरता दिवस के तहत, विशेष प्रशंसा उन्हीं लोगों को दी जाती है जिन्होंने साक्षरता को बढ़ावा देने में अपना योगदान दिया है और साक्षरता को बढ़ाने के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है।
इस दिन के माध्यम से, हम सभी को साक्षरता के महत्व को समझने और समाज के सभी वर्गों में इसे प्रोत्साहित करने की दिशा में सक्रिय रूप से योगदान करने का मौका प्राप्त होता है। इसके माध्यम से हम साक्षरता के महत्व को साझा कर सकते हैं और एक सिक्के की दो पहलुओं को समझ सकते हैं – सिक्के के एक ओर साक्षरता और शिक्षा, और दूसरी ओर समृद्धि और समाज का विकास।
साक्षरता को बढ़ावा देने का मिशन आज भी चुनौतियों से भरा हुआ है, खासकर विभिन्न क्षेत्रों में साक्षरता की असमान स्तर पर होने के कारण। हम सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि हम एक साक्षर और शिक्षित समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकें और विश्व साक्षरता दिवस का सच्चा उद्देश्य पूरा हो सके।