बखिरा से विकास निषाद की रिपोर्ट
संत कबीर नगर । आज पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए 21 दिन का लॉक डाउन को झेल रहा है शासन प्रशासन ने अन्य राज्यों से पलायन कर आये मजदूरों को उनके घर तक जाने से रोक दिया गया ।
और गांव से सटे ही स्कूलों आदि में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, लोगों को इसी क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन रखने के लिए शासन द्वारा आदेश किया गया है और कहां गया है कि जितने भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बने हैं उसमें बाहर से आए हुए लोग 14 दिन रहेंगे और उनको रहने खाने दवा वगैरा सारी व्यवस्थाएं प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराई जाएंगी ।यह इसलिए किया गया है कि बाहर से आए हुए लोग इस कोरोना महमारी से परिवारों को बचाने में सहयोग करेंगे
लेकिन देखा जा रहा है कि जिले के कुछ कोरेंटाइन सेंटर पर जरूरी खाने पीने जैसी कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है जो भी लोग बाहर से आकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं उन्हें उनके घर के सदस्य खाने के लिए खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं जो कहीं ना कहीं प्रशासन के इंतजाम की पोल खोल रहा है
ऐसा ही मामला संत कबीर नगर जिले के बखिरा उर्फ बाघ नगर में देखने को मिला है यहां पर प्राथमिक विद्यालय में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है जिसमें अब तक 6 लोग अन्य राज्य से आकर रुके हुए हैं इन्हें ना तो खाने की कोई व्यवस्था है नहीं और अन्य चीजों की कोई व्यवस्था यहां पर आए लोग अपने-अपने घरों से खाने के लिए भोजन मंगा रहे हैं
इस बारे में ग्राम प्रधान ने बताया है कि शासन प्रशासन ने खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है जो भी व्यवस्थाएं हैं वह हमारी तरफ से की गई हैं,इससे साबित होता है कि जिला प्रशासन की लॉक डाउन के समय जरूरत की व्यवस्थाएं सिर्फ जुमले और कागजों में सिमट कर रह गई हैं
अब सवाल उठता है कि सरकार के आदेश के पालन में जिला प्रशासन जो कदम उठाया है क्या यह सही है सरकार का सख्त आदेश है कि बाहर से आए हुए लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रख कर संक्रमित होने के खतरे से गांव और शहर को बचाया जा सके
इसके साथ साथ सरकार की यह भी व्यवस्था है कि स्थानीय जिला प्रशासन इनको क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर खाने-पीने जैसी सुविधाओं को मुहैया कराए लेकिन व्यवस्था नदारद है,
जिलाधिकारी महोदय को चाहिए कि वो बखिरा के साथ ही अन्य सेंटरों पर व्यवस्था की कमियो को देखें तो वहां भी कमियां जरूर देखने को मिलेंगी इनको सेंटर पर रहने वाले लोगों को जब घर से ही खाना मंगवा कर खाना पड़ेगा तो फिर अगर सेंटरों में आए हुए लोग कहीं कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए तो गांव में अन्य लोगों को कोरोना वायरस से कोई बचा नहीं पाएगा