संत कबीर नगर । समाजवादी पार्टी ने रविवार को 7 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की है इस सूची में डुमरियागंज से भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और संत कबीर नगर लोकसभा सीट से समाजवादी सरकार में मंत्री रहे लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया है ।
आपको बता दें कि संत कबीर नगर से प्रत्याशी बनाए गए लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद मेहदावल विधानसभा से विधायक एवं समाजवादी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं मंत्री रहते हुए इनके खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज था और अदालत में हाजिर न होने के कारण जेल भी जाना पड़ा था ऐसे पप्पू निषाद को इस बार प्रत्याशी बनाकर समाजवादी पार्टी ने निषाद बिरादरी का ट्रम्प कार्ड खेलने का काम किया है।
पप्पू निषाद जो निकाय चुनाव में अपनी बहू को विजई बनाने में असफल रहे और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए गए हैं जो जो निषाद बिरादरी के सहारे लोकसभा में पहुंचने के लिए मशक्कत करने जा रहे हैं लेकिन क्या पांचों विधानसभा क्षेत्र में पप्पू निषाद की पकड़ है ? यह तो समाजवादी पार्टी या समाजवादी पार्टी के लोग जानते हैं ऐसे में इनको प्रत्याशी बनाया जाना भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को और मजबूती प्रदान करने में सहयोग जैसा है।
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जहां तक मेरा मानना है लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद की पकड़ निषाद बिरादरी में पहले तो बहुत अच्छी थी लेकिन क्या पांचो विधानसभा में उनकी मजबूती से पकड़ थी ? या नहीं यह भी है एक सवाल खड़ा करने वाला विषय है । कुछ भी हो लेकिन कहीं न कहीं समाजवादी पार्टी अभी भी कन्फ्यूजन में है, अगर पप्पू निषाद चनाव लड़ते हैं तो क्या चुनाव जीत पाएंगे, ये भी समाजवादी पार्टी को मंथन करने की अभी जरूरत है।
वैसे भी बीजेपी इस बार विकास और रोजगार पर नहीं धारा 370 और राम मंदिर पर मिली कामयाबी पर चुनाव लड़ने जा रही है, और ये मुद्दा बीजेपी को बड़ी कामयाबी देने जा रहा है, ऐसे में क्या पप्पू निषाद सिर्फ निषादों के सहारे चुनाव मैदान में उतरेंगे? जब निषादों के एक अगुआ संजय निषाद योगी सरकार में मंत्री हैं, और निषाद बाहुल्य क्षेत्रो में अपनी पकड़ भी मजबूत कर ली हो,
वैसे समाजवादी पार्टी ने अगर पप्पू निषाद को संतकबीरनगर से अपना प्रत्याषी बनाया है, तो पार्टी की भी कोई अपनी गणित होगी, लेकिन अगर पप्पू निषाद पर पार्टी ने भरोसा किया है, तो इस भरोसे पर श्री निषाद कितना खरा उतरेंगे, ये तो समय ही बताएगा, क्योकि पप्पू निषाद की पांच विधान सभा में अपनी निजी कोई पकड़ नही दिख रही है, लेकिन फिर भी अगर वोटर केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनाने के मूड में होंगे तो लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद चुनाव जीत भी सकते हैं ।