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Editorial/संपादकीयलेखक के विचारसंतकबीरनगर

एक सवाल: संतकबीरनगर के डीएम और एसपी ने “नहीं दी” ईद की शुभकामनाएं, आखिर क्या था कारण

संत कबीर नगर । मुसमलमानों के सबसे बड़ा खुशियों का त्योहार ईद-उल-फितर गुरुवार को बड़े ही हर्षोल्लास के मनाया गया। शहर और ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की नमाज अदा की गई, ख़लीलाबाद की ईदगाह पर तमाम सेक्युलर नेता और समाजसेवी नमाजियों से गले मिल कर ईद की मुबारकबाद/बधाई दी लेकिन पुरानी परम्पराओ को तोड़ते हुए डीएम और एस पी ने पहुँच कर बधाई तो दूर एक बधाई शुभकामना संदेश प्रसारित प्रकाशित कराना मुनासिब नहीं समझा।

आपको बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक ख़लीलाबाद की ईदगाह पर ईद की नमाज के बाद जिलाधिकारी और एसपी के द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दिए जाने की परम्परा रही है। और अन्य जिलों  में इस ईद पर ये परम्परा देखने को मिली, लेकिन विगत कुछ वर्षों से संतकबीर नगर के जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा किसी भी इस्लामी त्यौहार पर बधाई और शुभकामनाएं संदेश प्रसारित नहीं होता है कारण क्या है यह तो जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ही बता सकते हैं।

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आपको बताना चाहेंगे कि अमन शांति और भाईचारे का संदेश देने वाला ईद का त्यौहार मुस्लिम समाज के द्वारा हर वर्ष रमजान के खत्म होने के दिन सुबह मनाया जाता है इसमें लोग एक दूसरे से गले मिलकर बधाई और मुबारकबाद देते हैं, पहले इस त्यौहार को हिंदू मुस्लिम सभी मिलकर मनाया करते थे और एक दूसरे को गले मिलकर बधाई और मुबारकबाद देते हुए घर घर जाकर सेवइयां खाते थे, इस दिन तमाम सामाजिक कार्यकर्ता और नेताओं सहित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का पांडाल लगाकर मुस्लिम समाज के लोगो से गले मिलते हुए मुबारकबाद और बधाइयां देते थे।

लेकिन विगत कुछ वर्षों से जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक, लगभग सभी इस्लामिक त्योहारों में बधाई और मुबारकबाद संदेश देने से दूर रह रहे हैं, कारण क्या है ये हमे तो मालूम नहीं,  लेकिन  हो सकता है संतकबीरनगर जिले के लिए शासन की कोई नई गाइड लाइन या प्रोटोकाल बना हो,  जिस कारण से इस्लामिक त्योहारों में बधाई मुबारकबाद देने से बचते आ रहे हैं।

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हालाकि इस गाइड लाइन प्रोटोकाल का पालन करने के लिए अगर शासन से निर्देशित किया गया है तो कोई बात नहीं , लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक महोदय इस्लामिक त्योहारों में बधाई और मुबारकबाद का संदेश प्रसारित और प्रकाशित क्यो नहीं करवाते हैं।

जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भारतीय प्रशासनिक सेवा का पद है, इसमें कहीं भी किसी बुक में पढ़ाया नही गया होगा की IAS और IPS अधिकारी मुस्लिम समाज के किसी त्योहार पर बधाई संदेश, शुभकामना नहीं देंगे, अगर एक धर्म के लिए बधाई संदेश जारी कर कर सकते हैं तो सभी धर्मो के त्योहारों में बधाई संदेश प्रसारित प्रकाशित करना चाहिए, अगर ऐसा नही करते हैं तो दो कारण हो सकते है,एक तो उनका विवेक दूसरा शासन द्वारा रोक,

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मामला कुछ भी हो लेकिन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस्लामिक त्योहारों में बधाई मुबारकबाद का संदेश मुस्लिम समाज तक न पहुंचना मुस्लिम समाज के लोगों को ठेस पहुंचा है। हालाकि इस मामले में मुस्लिम समाज का कोई भी अगुआ नेता बोलने से करता रहे हैं।
खैर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के द्वारा ईद पर बधाई न देने से सवाल तो खड़ा होता ही है।

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