नई दिल्ली । पहले हिंदू नववर्ष, फिर रामनवमी और अब हनुमान जयंती पर दो समुदायों के बीच हुए झड़प ने लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आख़िर क्यों इस तरह की घटनाएँ देश में बार-बार हो रही है। ताज़ा मामला देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का है, जहां हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच ज़बरदस्त झड़प देखने को मिली। मामला दिल्ली के जहांगीरपूरी का है, जहां से होकर गुजर रहे हनुमान जयंती के शोभायात्रा पर मुस्लिम समुदाय द्वारा पत्थर फेंके गए। इतना ही नहीं, उपद्रव के दौरान आगज़नी, तोड़फोड़ और फ़ायरिंग की भी घटना हुई। घटना के बाद पूरा इलाक़ा छावनी में तब्दील हो गया, और चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है, लेकिन सवाल ये है कि इस तरह की घटना हुई क्यों ?
घटना को लेकर सभी पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। एक पक्ष का कहना है कि शोभायात्रा को जानबूझ कर टार्गेट किया गया और पीछे से पथराव किया गया। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि शोभायात्रा में शामिल लोगों ने उनके धार्मिक स्थल में दाखिल होने की कोशिश की, वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच-पड़ताल जारी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद सच सामने आ जाएगा। दिल्ली में हुई इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है।
कुछ लोगों का दावा है कि शोभायात्रा में शामिल कुछ लोग एक पक्ष के धार्मिक स्थल में घुसने की कोशिश कर रहे थे, इसी को लेकर विवाद शुरू हुआ।जमीयत उलेमा हिंद दिल्ली के मोहम्मद आबिद का दावा है कि जिस वक्त यह शोभायात्रा वहां से गुजर रही थी, कई बार आई और फिर वापस गई। लोग धार्मिक स्थल में घुसने और अपना झंडा लगाने की कोशिश कर रहे थे।उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पिछले साल भी शोभायात्रा के दौरान कुछ घटनाएं हुई थीं जिससे प्रशासन ने सबक नहीं लिया। वहीं, दूसरे पक्ष के स्थानीय लोगों का दावा है कि शोभायात्रा जब एक पक्ष के धार्मिक स्थल के करीब से निकल रही थी, तभी अचानक पथराव शुरू हो गया। इन लोगों ने दूसरे पक्ष पर गाड़ियों में तोड़फोड़ करने, दुकानें लूटने और गाड़ियों में आगजनी करने के आरोप भी लगाए गए हैं।