- माहवारी के दौरान लापरवाही से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
- माहवारी के दौरान साफ सफाई के महत्व को समझें युवा
- मासिक धर्म स्वच्छता पर खुलकर करें बात, न करें झिझक
संतकबीरनगर । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ मोहन झा ने कहा है कि माहवारी एक महिला के जीवन का सबसे बड़ा सत्य है, लेकिन दुनियाभर में अभी भी कई ऐसे समाज हैं जहां महिलाएं इस पर खुलकर बात नहीं कर पातीं। ऐसे में पीरियड्स के दौरान किन बातों को ध्यान रखना है या किसी तरह की समस्या का कारण क्या है, साफ- सफाई के सहारे किन बीमारियों से बचा जा सकता है, आदि जानकारियां उन्हें कभी मिल ही नहीं पाती। लोगों को जागरुक करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन हर साल 28 मई को किया जाता है।
डॉ झा ने बताया कि इस दिवस के मौके पर एक माहौल बनाने की कोशिश की जाती है कि लोगों को ये बताया जा सके कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं, बल्कि ये एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। इस विषय पर घर और समाज में खुलकर बात करने की ज़रूरत है, जिससे महिलाओं और बच्चियों को गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके। ‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ का मकसद महिलाओं को माहवारी के दौरान साफ-सफाई के महत्व को समझाना है। गांव और शहरों में रहने वाली लाखों महिलाएं आज भी इससे जुड़ी कई ज़रूरी जानकारियों से अंजान हैं और उन्हें पता भी नहीं कि उनकी थोड़ी सी लापरवाही उन्हें हेपेटाइटिस बी, सर्वाइकल कैंसर, योनी संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल सकता है। इसका असर महिलाओं पर शारीरिक ही नहीं, यह मानसिक रूप से भी लंबी उम्र तक परेशान कर सकता है।
माहवारी स्वच्छता को लेकर क्या है चिकित्सक की राय
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद की चिकित्सक डॉ नीलम सिंह बताती हैं कि माहवारी के दौरान खुद को नियमित रुप से साफ रखना चाहिए। नियमित रुप से स्नान करना चाहिए। अपने जननांग क्षेत्र को साफ पानी से धोना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड का उपयोग करना चाहिए। माहवारी के दौरान संतुलित भोजन करना चाहिए ताकि रक्तस्राव से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। संतुलित भोजन में फल, दूध व हरी सब्जियां खाएं। एनीमिया से बचने के लिए आयरन युक्त भोजन जरुर खाएं जिसमें गुड़, चना, बाजरा, साग इत्यादि शामिल हैं।
माहवारी के दौरान दें इन बातों पर ध्यान
- दाग और गंध से बचने के लिए हर चार से छ: घण्टे पर पैड बदलें।
- स्नान न करने के अंधविश्वास से बचते हुए नियमित स्नान करें।
- जांघों के बीच के क्षेत्र को सूखा व साफ रखें अन्यथा इंफेक्शन हो सकता है।
- जब भी शौचालय जाएं तो अपने जननांग को स्वच्छ कर लें।
- पैड्स को अखबार या कपड़े में लपेटकर फेकें, संभव हो तो जला दें।