श्रेणी: लेखकों के विचार

लेखकों के विचार

भाजपा के हर रोज टूटते और बनते भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान: “हम भ्रष्टन के, भ्रष्ट हमारे सहारे”

Sayeed Pathan
(आलेख : बादल सरोज) कहते हैं कि कोई अगर गिरने के लिए अपनी पर भी आ ही जाये, तब भी उसकी कोई न कोई सीमा...
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