संत कबीर नगर । महान सूफी संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर के भंडारा गृह में मंगलवार को पूर्व नियोजित सदगुरु कबीर भोजन सेवा कार्यक्रम के तहत रिलैक्सो domeshwar कंपनी के डायरेक्टर अब्दुल्ला खान के द्वारा भोजन खिलाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि अनिल कुमार सागर मंडलायुक्त बस्ती मंडल बस्ती द्वारा थाली परोस कर शुभारंभ किया गया ।
सबसे पहले मगहर आगमन पर आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती द्वारा कबीर समाधि स्थल पर नमन किया गया उसके बाद रिलैक्सो कंपनी के डायरेक्टर अब्दुल्लाह खान द्वारा आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती का पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया । तदुपरांत आयोजित भंडारे का कमिश्नर द्वारा आगंतुकों को खाना खिलाकर शुभारंभ किया गया ।
मुख्य अतिथि के रूप में अनिल कुमार सागर आयुक्त बस्ती मंडल बस्ती ने कहा कि पर्यटन के दृष्टिकोण से विश्व में महात्मा कबीर की तुलना नहीं की जा सकती जिन्होंने विश्व स्तर पर एक संदेश दिया है ,शांति का अमन का, आपसी सौहार्द ,और भाईचारे का ,जिसको अपने छंद सवैया के माध्यम से समाज को आईना दिखाने का काम किया था, सूफी अगर कहीं नाम आता है तो इस सूफी संत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिया जाता है । ऐसे स्थान पर रिलैक्सो कंपनी के डायरेक्टर द्वारा भोजन का आयोजन कर बहुत ही सराहनीय काम जा रहा हैं और ऐसे लोगों की तरह समाज में और लोगों को आगे आना चाहिए जो किसी की सेवा कर सकें, किसी को कपड़ा दे सकें, किसी को भोजन दे सकें, और ऐसा करते हुए कबीर के पद चिन्हों पर चलने के लिए अग्रसर रहे ।
यहां विश्व स्तर से लोग पर्यटक के रूप में आते हैं और अपना श्रद्धा सुमन अर्पित कर फिर अपने गांव देश को चले जाते हैं जो लोग आते हैं वह कुछ यहां दे कर जाते हैं, अपने उद्बोधन में कंपनी डायरेक्टर अब्दुल्ला ने एक किवदंती से शुरू करते हुए कबीर के पृष्ठभूमि को लोगों को दिखाने का काम किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कबीर दास जी के घर कुछ संतों का झुंड आ गया उनके घर खिलाने के लिए अन्न का एक दाना भी नहीं था कबीर दास स्वयं बनिया के वहां जाते हैं और अन्न भंडार के लिए मांग करते हैं बनिया का इस जवाब पर कि तुम्हारा पिछला बकाया है ऐसी सूरत में मैं जब तक पिछला भुगतान नहीं करोगे दोबारा नहीं दूंगा इस बात को उन्होंने अपनी पत्नी को आकर बताया पत्नी बनिए के पास गईं और बनिये की कुछ शर्त पर सामान लाई और बनाकर सन्यासियों को खिलाया ।
खाना खिलाने के बाद पत्नी अपने वादा के मुताबिक बनिए के घर जाती है जिस रात बहुत बारिश हुई रहती उनकी पैरों की महावर छूट ना जाए इसके लिए सूफी संत कबीर ने अपनी पत्नी को कंधे पर बैठाकर बनिया के पास पहुंचा दिया बनिया जब देखा इस कीचड़ भरे रास्ते में कबीर की पत्नी को कीचड़ नहीं लगा है और ना ही इनके महावर और रंग छोटे हैं आखिर कैसे आएगी इस बात पर लोई द्वारा साफ-साफ बता दिया क्या जिसे सुनकर बनिया काफी शर्मिंदा हुआ और कबीर दास जी का शिष्य बन गया, इसी प्रेरणा से जिसमें कबीर पंथ के अनुयायियों व समर्थकों तथा मजलूम गरीबों द्वारा मुफ्त भोजन किया गया ,इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संगीता वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक संत कबीर नगर ,ट्रैफिक इंस्पेक्टर संतोष कुमार मिश्रा , अवधेश सिंह समेत तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे,.