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दिल्ली एन सी आरटॉप न्यूज़

सुप्रीम कोर्ट के रोक के बावजूद, एमसीडी की कार्यवाही, अतिक्रमण के आड़ में मस्जिद का गेट भी तोड़ा

दिल्ली । जहांगीरपुरी में अवैध कब्जा हटाने की MCD की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। MCD की टीम बुधवार सुबह 10 बजे जहांगीरपुरी पहुंची और ऑपरेशन बुलडोजर शुरू किया। 10.45 बजे सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं रोकी गई। और तमाम लोगों के रिहायसी घर तोड़ दिया गया लोग सड़क पर आ गए मामला यहीं नहीं रुका मस्जिद का गेट भी अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया।  याचिकाकर्ता के ऐतराज पर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा दखल दिया। MCD और दिल्ली पुलिस तक तुरंत ऑर्डर पहुंचाने का आदेश दिया।

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3 घंटे के पूरे एपिसोड में 2 बार दखल के बाद आखिरकार 12.45 बजे दिल्ली नगर निगम ने अपनी कार्रवाई रोक दी। मीडिया ने इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट के लॉयर विराग गुप्ता से बात की। लीगल एक्सपर्ट से 4 पॉइंट में जानते हैं आदेश और अमल से जुड़े पहलू …

1. जहांगीरपुरी को लेकर नहीं दायर की गई थी याचिका
विराग गुप्ता ने कहा- दिल्ली के जहांगीरपुरी मामले से पहले सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी। उस याचिका में कहा गया था कि बुलडोजर कल्चर कानून और संविधान के खिलाफ है। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि वो दोपहर बाद सुनवाई करेगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सामने जब सुनवाई हुई तो अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए, मामले पर अगले दिन सुनवाई के लिए कहा।

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सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के 2 घंटे बाद दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई को रोका। अब इस पर गुरुवार (21 अप्रैल) को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के 2 घंटे बाद दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई को रोका। अब इस पर गुरुवार (21 अप्रैल) को सुनवाई होगी।

 

2. सुप्रीम कोर्ट ने MCD को तुरंत सूचना पहुंचाने का आदेश दिया

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विराग कहते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली नगर निगम ने अपनी कार्रवाई नहीं रोकी तो याचिकाकर्ता के वकीलों ने इस पर ऐतराज जाहिर किया। इसके बाद अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश देते हुए कहा की इस मामले से जुड़ी पार्टियों यानी MCD और दिल्ली पुलिस को तत्काल इस आदेश की जानकारी दी जाए।

3. जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का सम्मान जरूरी
विराग कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट के मामलों में परंपरागत रवैया रहा है, कि ऑर्डर की सर्टिफाइड कॉपी मिलने के बाद ही एक्शन होता था। तब ये कहा जाता था कि आदेश का आधिकारिक दस्तावेज मिल गया है। इससे मामले में विलम्ब होता था, जिसे खत्म करने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर को ही सर्टिफाइड ऑर्डर की मान्यता अदालतों ने दे दी। अब ज्यादातर मामलों में सर्टिफाइड कॉपी की डिमांड नहीं की जाती है।’

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उन्होंने आगे कहा, ‘ऑनलाइन आर्डर के पोस्ट होने में भी कई बार देर होती है जिसके लिए अब वकील उसी दिन हाथ से लिखे ऑर्डर मांग लेते हैं और विपक्षी पार्टी को सर्विस कर देते हैं। जहांगीरपुरी के मामले को देखा जाए तो सोशल मीडिया और टीवी मीडिया के युग में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अपडेट जानकारी दी जा रही थी। आधिकारिक बयान भी आ रहे थे, यानी संबंधित लोगों को इसकी जानकारी हो गई है। अब जानकारी हो गई है तो प्रोटोकॉल के हिसाब से ये परंपरा है कि ऑर्डर भले बाद में आता रहे पर देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश का सम्मान जरूरी है।’

4. अधिकारियों ने कानून के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेला
विराग गुप्ता ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकारी ये कह रहे हैं कि उन्हें आदेश नहीं मिला तो ये कानून के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेला जा रहा है। जब कंगना रनोट का मामला महाराष्ट्र में हुआ था तो वहां की सरकार ने भी कोर्ट के आदेश के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को नहीं रोका था। ये खेल पूरे देश में खेला जा रहा है। अदालतों के साथ पुलिस, प्रशासन और नौकरशाही के खिलवाड़ का यह ट्रेंड न्यायिक व्यवस्था के लिए चिंता की बात है।’

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याचिकाकर्ता का ऐतराज और सुप्रीम कोर्ट का सवाल भी जानिए
बुलडोजर कल्चर के खिलाफ दाखिल याचिका पर सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने अदालत से कहा, ‘आदेश के बावजूद तोड़फोड़ नहीं रोकी जा रही है। आप सेक्रेटरी जनरल को MCD और पुलिस कमिश्नर को आदेश की सूचना दें। इस पर CJI ने उनसे पूछा था कि क्या ये सभी लोग पार्टी हैं। इसके बाद दवे ने कहा था कि हम लोकतांत्रिक समाज हैं, पर अधिकारी रुक नहीं रहे हैं। दुख इस बात का है कि दुनिया आपके आदेश को जान रही है और अधिकारी रुक नहीं रहे हैं। इससे गलत संदेश जाता है।’

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बुलडोजर ऑपरेशन चल रहा था। जहांगीरपुरी की मस्जिद के बाहर बने चबूतरे को एमसीडी ने तोड़ दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बुलडोजर ऑपरेशन चल रहा था। जहांगीरपुरी की मस्जिद के बाहर बने चबूतरे को एमसीडी ने तोड़ दिया।

 

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जहांगीरपुरी हिंसा के बाद प्रशासन ने उठाया कदम

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा के बाद MCD और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बुधवार सुबह इस इलाके में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया। एक घंटे के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट ने इस ऑपरेशन पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि कल सुनवाई तक जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखी जाए।

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जब ऑपरेशन बुलडोजर को लेकर दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपेंद्र पाठक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन फैसला लेगी। हम यहां पर MCD को सुरक्षा और मदद पहुंचाने के लिए मौजूद हैं। ऐसे में MCD के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं रोकी गई।

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