नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) सहित प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस बैठक में कोरोनो वायरस महामारी को रोकने और लॉकडाउन से प्रभावित क्षेत्रों के लिए दूसरे राहत पैकेज को लेकर भी चर्चा हुई. इस बैठक में वित्त मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल हुए.
क्या होगा दूसरे राहत पैकेज में…
> न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सरकार कोरोना वायरस से राहत देने के लिए अधिकतम 4.5 लाख करोड़ रुपये (60 अरब डॉलर) तक खर्च कर सकती है.
> इसकी वजह यह है कि सरकार को इस बात की आशंका है कि एक सीमा से अधिक राशि खर्च करने पर उसकी सॉवरेट रेटिंग घटा दी जाएगी.
>> इससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, हम पहले ही GDP के 0.8 फीसदी के बराबर पैकेज दे चुके हैं. हमारे पास जीडीपी के 1.5%-2% के बराबर के पैकेज की और गुंजाइश है.
नौकरीपेशा के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा- रॉयटर्स के मुताबिक, अगले राहत पैकेज में देश के गरीब तबके के साथ-साथ ऐसे लोगों को राहत दिए जाने की संभावना है, जिनकी नौकरी चली गई है.
>> साथ ही टैक्स छूट और अन्य उपायों के जरिए छोटी एवं बड़ी कंपनियों को राहत दी जा सकती है. दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि इस मुद्दे को लेकर अब भी बातचीत चल रही है.
इन सेक्टर्स के लिए भी हो सकती है बड़ी घोषणा
>> इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुरुवार को इस मुद्दे पर अलग-अलग तीन बड़ी बैठकें की हैं. पहली बैठक विदेशी निवेश और औद्योगिक विकास के मुद्दे पर हुई. इसमें विदेशी, घरेलू निवेशकों को बेहतर सहूलियतें देने पर चर्चा हुई. इसमें Plug & Play मॉडल पर जोर दिया गया.
>> इस बैठक में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए खास स्कीम लाने पर भी विचार किया गया. PM ने कहा कि समयबद्ध तरीके से जरूरी मंजूरी मिलनी चाहिए. इस बैठक में वित्त मंत्री और उद्योग मंत्री मौजूद थे.
>> दूसरी बैठक का मुख्य मुद्दा कोल, माइनिंग सेक्टर का विकास था. इसमें कोल, माइनिंग में निवेश बढ़ाने की रणनीति बनी. PM ने कहा कि इंपोर्ट की जगह घरेलू कोयले का इस्तेमाल होना चाहिए. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अतिरिक्त ब्लॉक की नीलामी जल्द की जाएगी.
>> नीलामी की प्रक्रिया ज्यादा आकर्षक और पारदर्शी होगी. PM ने देश को मिनरल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर में कामकाज अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इसके लिए एक्शन प्लान बनाने के लिए भी कहा.
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