संतकबीरनगर। कोतवाली थाना ख़लीलाबाद अंतर्गत मुहल्ला दीघा में रविवार को एक महिला की निर्मम हत्या मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही संबंधित मामले में पहले से कोतवाली पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही न करने की वजह से पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली प्रभारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है।
आपको बता दें कि रविवार दिनाँक 10 मार्च 2024 को थाना कोतवाली ख़लीलाबाद अंतर्गत मुहल्ला दीघा निवासी नंदनी राजभर पत्नी अच्छेलाल राजभर की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी, और हत्या को लेकर मुहल्ले में सनसनी/ अफरातफरी मच गई थी, परिवारजनों ने कोतवाली पुलिस को इस हत्या का जिम्मेदार बताया था,और हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की थी,
घटना की सूचना मिलते ही, एसपी सत्यजीत गुप्ता और डीआईजी आर के भारद्वाज सहित स्थानीय नेता घटना स्थल पर पहुँच गए थे,और मृतक महिला के सरीर को पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय के पीएम हाउस भेजकर। एसपी के निर्देश पर कार्यवाही शुरू कर करते हुए रविवार 10 मार्च को ही पांच नामजद अभियुक्तों के ख़िलाफ़ धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया था। घटना के सम्बंध में हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार करने के लिए कोतवाली पुलिस को एसपी ने निर्देशित किया था,और मामले में जिम्मेदार कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक सत्यजीत गुप्ता में बताया है कि नामजद हत्याभियुक्तों में से पन्नेलाल यादव, रोशन यादव, और नम्रता को गिरफ्तार कर लिया गया है, इन्हें आज न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जमीनी मामले को लेकर दोनों पक्षों में पहले से विवाद चल रहा था,और इस संबंध में एक जनवरी 2024 को एक मुकदमा थाना कोतवाली ख़लीलाबाद पर पंजीकृत किया गया था, लेकिन मामले में उचित कार्यवाही नहीं की गई थी,
अब सवाल उठता है,क्या संतकबीरनगर में कानून चुस्त दुरुस्त है ? जवाब खुद ढूढ़ सकते हैं, अगर इस मामले मे पहले से चल रहे विवाद और विवाद करने वालो पर स्थानीय पुलिस ने उचित कार्यवाही की होती तो शायद आज नंदनी की हत्या नहीं होती,
जमीनी विवाद दीन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है,कभी जमीन रजिस्ट्री संबंधित अधिकारियों के द्वारा ,तो कभी पुलिस की निष्क्रियता के कारण । न्यायालयों में मुकदमों की संख्या की दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी के यही दो मुख्य कारण है, अगर जमीनी मामलों को लेकर विवाद को कम करना है और न्यायालयो में मुकदमों की भीड़ को कम करना है तो, जमीन की खरीद फरोख्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संबंधित रजिस्ट्रार और स्थानीय पुलिस दोनों अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाने लगें तो विवाद और हत्याएं काफी हद तक रुक सकती हैं, और न्यायालयो में मुकदमों की संख्या और भीड़ को कम किया जा सकता है।